कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो चला है। एक तरफ बीते 10 सालों से सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अगुवाई वाली बीजेपी है, जो अब राज्य में मुख्य विपक्षी दल बनकर सामने आ चुकी है।
बीजेपी एक-एक कर तृणमूल के नेताओं को तोड़ने में जुट गई है। भगवा दल ने सबसे बड़ा दांव ममता के खास सिपहसलार रहे सुवेंदु अधिकारी को अपने खेमे में शामिल कर चला। वह बंगाल में बीजेपी के लिए हिमंत बिस्वा सरमा साबित हो सकते हैं, जिन्होंने असम में कमल खिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पश्चिबम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 3 सीटें जीतने वाली बीजेपी अब मुख्य लड़ाई में आ गई है। बीजेपी ने ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त करने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है कि बीजेपी ने सीएम के सबसे खास नेता को अपने में शामिल करने की रणनीति के साथ सत्ता का पासा फेंका हो। 5 साल पहले ही पड़ोसी राज्य असम में बीजेपी ऐसा कर चुकी है।
असम में तुरुप का इक्का साबित हुए थे हिमंत
2016 के चुनाव में बीजेपी ने असम में कांग्रेस के 15 साल के शासन को सत्ता से उखाड़ते हुए पूर्वोत्तर के राज्य में जीत का डंका बजाया। इसके पीछे तत्कालीन कांग्रेसी सीएम तरुण गोगोई के खास माने जाने वाले हिमंत बिस्वा सरमा थे। कांग्रेस के टिकट पर लगातार जलुकबाड़ी सीट से विधायक बन रहे सरमा ने सीएम गोगोई से मतभेद के बाद पार्टी छोड़ दी। 2015 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।