बाल तस्करी एवं बाल विवाह रोकने हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का पटमदा में हुआ शुरू

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  • जिनके लिए कार्य करना है उन्ही के बीच राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन स्वागतयोग्य कदम- सूरज कुमार, उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी
  • 3 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा गया, 02 बच्चों को दी गई ट्राई साइकिल

जमशेदपुर/पटमदा : पटमदाबाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन आज से बाल कल्याण आश्रम, गोबरघुसी, पटमदा, पूर्वी सिंहभूम में शुरू हुआ । कार्यशाला के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार प्रियंक कानूनगो व पद्मश्री सुनीता कृष्णन तथा कार्यशाला में मौजूद उपायुक्त सह जिला दण्डादिकारी सूरज कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन एवं नेशनल एक्शन कोआर्डिनेशन ग्रुप के अध्यक्ष राजन मोहंती तथा अन्य अतिथियों ने बाल संरक्षण एवं अधिकार पर अपने विचार रखे । साथ ही इस मौके पर बाल कल्याण आश्रम में प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र का शुभारंभ प्रिंयक कानूनगो द्वारा किया गया ।

विषय प्रवेश करते हुए बाल कल्याण संघ के कार्यकारी सचिव एवं सीएसओ स्टैंडिंग कमिटी नीति आयोग के सदस्य श्री संजय कुमार मिश्र ने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा तैयार किए गए एसओपी को ध्यान में रखते हुए कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का प्रयास है। बाल संरक्षण आयोग के सहयोग से बाल कल्याण संघ ने झारखंड के विभिन्न जिलों में पढ़ने वाले बच्चों को मैपिंग करने हेतु कार्यक्रम का शुरुआत किया है।

अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार प्रियंक कानूनगो ने कहा कि वर्तमान में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की स्थिति में बदलाव आया है। अब बच्चे व बच्चियों को ट्रेन या हवाईजहाज से नहीं बल्कि सड़क मार्ग से ट्रैफिकिंग किया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में आयोग टोल गेट के कर्मियों को भी प्रशिक्षण कराने का कार्य करेगी साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। जिस तरह से खूंटी में आयोग के द्वारा संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण संघ के सहयोग से संवर्धन कार्यक्रम का शुरुआत किया गया है उसी प्रकार से पूर्वी सिंहभूम जिले में भी संवर्धन कार्यक्रम का शुरुआत किया जाएगा । उन्होने कहा कि बच्चों का संरक्षण परिवार व समाज की जिम्मेदारी है, सरकार का कार्य उनका संवर्धन करना है ।

पद्मश्री सुश्री सुनीता कृष्णन ने कहा कि बच्चों की तस्करी एक गंभीर समस्या है, आज हमारे बच्चे व बच्चियां देश के विभिन्न शहरों में रोजगार के झूठे सपने दिखाकर ले जाए जाते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए सभी को ईमानदारी से करना चाहिए । इस सभा के माध्यम से मैं बताना चाहूंगी कि हम सभी को अपने निजी तथा संस्थागत स्तर पर पहल करते हुए बाल संरक्षण एवं उनके अधिकार को लेकर कार्य करना चाहिए ताकि समाज को सही दिशा मिल सके ।

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम की परिकल्पना बहुत ही अल्प समय में की गई जो काफी सराहनीय है तथा आभार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का जो उन्होंने इस जिले को इस कार्यशाला हेतु चुनाव किया । उन्होने सभी को अश्वस्त करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है । उन्होने कहा कि गर्व से बताना चाहता हूं कि समृद्ध जिला होने के नाते पूर्वी सिंहभूम में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले नहीं के बराबर होते हैं । उपायुक्त ने कहा कि व्यक्ति एवं परिवार की परिस्थितियां ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं जिनमें अधिकांश मामले अपनों द्वारा ठगी के ही सामने आते हैं । उपायुक्त ने आशा जताते हुए कहा कि मुझे पूर्ण उम्मीद है कि देश को बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार पर उम्दा पॉलिसी इस दो दिवसीय अधिवेशन के माध्यम से मिलेंगे ।

वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन ने कहा कि बाल तस्करी एवं बाल विवाह को रोकने हेतु जो भी आवश्यक सहयोग पुलिस प्रशासन से चाहिए होगा हम उसकी पूर्ति के लिए तत्पर हैं तथा पुलिस प्रशासन द्वारा भी सजगता एवं संवेदनशीलता से इस मामले में कार्य किया जा रहा है । उन्होने कहा कि कोरोना काल के पश्चात लोगों की मजबूरी हो गई है रोजगार के लिए पलायन करना लेकिन हम आश्वस्त करना चाहेंगे कि बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार का हनन नहीं हो।

नेशनल एक्शन कोआर्डिनेशन ग्रुप के अध्यक्ष राजन मोहंती ने कहा कि बच्चों को शोषण से बचाने के लिए नेशनल एक्शन पोलिनेशन ग्रुप पूरे साउथ एशिया में कार्य कर रहा है। हम सभी विभिन्न एनजीओ के सहयोग से देश के विभिन्न राज्यों में बच्चों को शोषण मुक्त करने के लिए कार्य कर रहे हैं। साथ ही समय-समय पर विभिन्न राज्यों में कार्यशाला के माध्यम से लोगों को संवेदनशील बनाने का कार्य कर रहे हैं ताकि सरकार के नीति निर्धारण पर बदलाव एवं संशोधन कर सके जिससे बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण संपूर्ण हो सके । एटसेक साउथ एशिया के अध्यक्ष मनबेन्द्रनाथ मंडल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान बहुत सारे प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस आए हैं और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में बाल व्यापार एवं बाल विवाह होने की संभावनाएं बढ़ जाती है । इस परिस्थिति में बच्चों को बचाना हम सभी की जवाबदेही है ।  कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के राकेश सिंह ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों को बाल तस्करी से बचाना कोरोना काल में बहुत ही महत्वपूर्ण था । इस दौरान हम लोगों ने लगभग 2500 बच्चों को मानव तस्करी से बचाया है । कार्यशाला में उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत, प्रखंड विकास पदाधिकारी पटमदा शंकराचार्य समद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंचल कुमारी, बाल कल्याण संघ के प्रमोद कुमार वर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, अरविंद कुमार मिश्रा तथा अन्य शामिल हुए ।

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