किशनगंज:- टेढागाछ प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ से हुई तबाही का मंजर अब दिखने लगा है। बाढ़ के बाद के हालात से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई है। जैसे ही सैलाब खत्म होने लगा है तबाही का मंजर अब बाढ़ ग्रस्त इलाकों में दिखने लगा है। कुछ सप्ताह पूर्व टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के चिल्हानिया पंचायत के सूहिया गांव में रेतुआ नदी के किनारे बसे गांव का हाल देख कर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाढ़ ने कितने लोगों के आशियाने को अपने चपेट में ले लिया है।
बाढ़ के कारण कमल कर्मकार का पक्का मकान नदी में समा गया है, मकान के चारों गड्ढा बन गया है। इस बावत कमल कर्मकार ने प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को लिखित रूप से आवेदन देकर उचित मुआवजा देनी की गुहार लगाया है। इसी गांव में अब तक आठ से 10 परिवार का मकान बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। बाढ़ पीड़ित परिवार अभी दूसरे जगह शरण लेने को विवश हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों का कहना है कि लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी सुहिया गांव मे आज तक न ही प्रशासनिक अधिकारी आए और न ही कोई जनप्रतिनिधि पहुंचे हैं। लगातार बाढ़ के पानी से जलजमाव की स्थिति बनी रही लेकिन प्रशासन आज तक इस गांव की सुध लेने नहीं पहुंची। बाढ़ पीड़ितों में कमल कर्मकार, चेत लाल कर्मकार, सूरज प्रसाद कर्मकार, अशोक कर्मकार, भोला प्रसाद कर्मकार, विमल प्रसाद कर्मकार, देव नारायण कर्मकार, अजय कर्मकार आदि ने अंचल कार्यालय को आवेदन देकर क्षतिपूर्ति आकलन करके उचित मुआवजा देने की मांग की है।