जमशेदपुर : परसुडीह सदर अस्पताल में अनुबंध पर बहाल 90 कर्मचारियों में से 59 को अचानक बिना कोई कारण बताये काम से बैठा दिया गया है।
इसको लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है और वे धरना पर बैठ गई हैं,कर्मचारियों को स्थानीय समाजसेवी और अन्य सामाजिक संगठनों का समर्थन भी मिलना शुरू हो गया है. कुछ समाजसेवी तोxxk ली. अपने जान को जोखिम में डालकर उन लोगों ने सरकारी आदेश का अनुपालन किया. अपने परिवार की चिंता तक नहीं की . ऐसे में कोरोना काल के अंतिम चरण में उन्हें बैठा दिया गया , ऐसा करके सरकार ने उनके साथ नाइंसाफी की है . उन लोगों की मांग है कि जब तक उनकी नियुक्ति नहीं की जाती है और उनके पद को स्वीकृत और स्थाई रूप नहीं दिया जाता है , तब तक वे अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे ।
इस संबंध में ठेकेदार शशि भूषण सिंह का कहना है कि वे तो महज एक माध्यम के रूप में थे , वे स्वास्तिक एजेंसी के प्रोपराइटर हैं उनसे सरकार ने 90 लोगों को अनुबंध पर काम के लिए मांगा और उन के माध्यम से 90 लोगों को सदर हॉस्पिटल में नियुक्त किया गया था ।
सारा कुछ स्वास्थ्य विभाग और सिविल सर्जन के आदेशानुसार किया गया था, प्रत्येक कर्मचारियों को करीब करीब ₹300 डेली वेजेस पर मिलता था उनका पीएफ और ईएसआई भी कटता था ।
ऐसे में बिना कारण बैठा दिया जाना किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता है सिविल सर्जन ने यह कहते हुए 90 कर्मचारियों के अनुबंध को समाप्त करने को कहा क्योंकि वह पद स्वीकृत नहीं है ।
जरूरत के हिसाब से लोगों को रखा गया था, और अनुबंध कर्मियों से काम लिया जा रहा था अब उसकी जरूरत नहीं है इसके पीछे वजह यह है कि स्वास्थ्य विभाग में बहुत लोगों की बहालिया हुई हैं , और कुछ लोगों की पोस्टिंग सदर हॉस्पिटल में हुई है , जो सरकारी वेतन और सरकारी सृजित पदों पर बहाल किए गए हैं । इसलिए स्थाई रूप से बहाली हो जाने पर अनुबंध कर्मियों को हटा दिया गया है. ठेकेदार का भी कहना था कि ऐसा किया जाना निश्चित रूप से अनुबंध कर्मियों के साथ नाइंसाफी है ।
कोरोनावायरस के काल में कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा के साथ किया था वहीं दूसरी ओर स्थानीय सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों ने सिविल सर्जन के इस फैसले का विरोध किया है और अनुबंध कर्मचारियों के समर्थन में आ गए हैं. समाजसेवी और पूर्व सेवानिवृत्त सैनिक सतेंद्र सिंह ने अनुबंध कर्मचारियों के साथ किए गए इस कार्य की निंदा की है और कहा है कि वे अनुबंधित कर्मचारियों के साथ हैं. उनके लिए लड़ाई भी लड़ेंगे . उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह कल डीसी से मिलकर अनुबंधित कर्मचारियों की बातों उन्हें अवगत कराएंगे. कोरोनावायरस के कल में उन कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाओं की बात होगी और अनुरोध किया जाएगा कि उन्हें अनुबंध पर ही सही लेकिन स्थाई रूप से काम दिया जाए.