अनुच्छेद 370 पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन और पाकिस्तान की हार, भारत को मिला रूस का साथ

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर मुंह की खानी पड़ी है। चीन को छोड़कर अन्य किसी भी देश ने पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की गोपनीय बैठक में भारत पर आरोप मढ़ा, लेकिन उसे अन्य देशों का सहयोग नहीं मिला।

बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन ने भारत और पाकिस्तान से अपने मतभेद शांतिपूर्वक सुलझाने और ”एक दूसरे” को नुकसान पहुंचा कर फायदा उठाने की सोच त्यागने की अपील की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मामले पर चीन का रुख बताते हुए कहा, ”भारत के एकतरफा कदम ने उस कश्मीर में यथास्थिति बदल दी है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विवाद समझा जाता है

कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने और लद्दाख को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम का विरोध करते हुए उन्होंने कहा, ”भारत के इस कदम ने चीन के संप्रभु हितों को भी चुनौती दी है और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाने को लेकर द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया है। चीन काफी चिंतित है।” रूस के उप-स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलिंस्की ने बैठक कक्ष में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मॉस्को का मानना है कि यह भारत एवं पाकिस्तान का ”द्विपक्षीय” मामला है। उन्होंने कहा कि बैठक यह समझने के लिए की गई है कि क्या हो रहा है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार (13 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के कदम पर चर्चा करने के लिए औपचारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करने की मांग की थी। एक वीडियो संदेश में कुरैशी ने कहा था कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अध्यक्ष को एक बैठक आयोजित करने के संबंध में यूएनएससी में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मालेहा लोधी के जरिए एक औपचारिक पत्र लिखा है।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किये जाने संबंधी भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि वह नई दिल्ली के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जायेगा। भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताता आ रहा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने का कदम उसका आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को इस ”सच्चाई को स्वीकार” करने की सलाह दी।

उल्लेखनीय है कि बंद कमरे में बैठकों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं होता और इसमें बयानों का शब्दश: रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। विचार-विमर्श सुरक्षा परिषद के सदस्यों की अनौपचारिक बैठकें होती हैं। संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षा परिषद ने 1965 में ‘भारत-पाकिस्तान’ प्रश्न के एजेंडा के तहत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पर चर्चा की थी। हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की थी।

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