बिहार में शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को शिक्षा सेवकों के करीब 3000 रिक्त पदों पर 31 अक्टूबर के पहले नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। शिक्षा सेवक पहले टोला सेवक व तालीमी मरकज के शिक्षा सेवक कहे जाते थे। नियुक्ति के लिए 22 जुलाई से रिक्तियों का निर्धारण शुरू हो चुका है। जिलों को 10 अगस्त के पहले रिक्त पदों का विज्ञापन जारी कर देना है।
मंगलवार को जनशिक्षा निदेशक कुमार रामानुज ने शिक्षा सेवकों की नियुक्ति प्रक्रिया की अपडेट स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने जिलों को सर्वे का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है। बैठक में यह बात सामने आई कि कई जिलों में बाढ़ की वजह से नियुक्ति की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। निदेशक ने बैठक में शामिल डीपीओ साक्षरता और एसआरजी को अपने-अपने जिले के ऐसे पांच साक्षरता केन्द्रों को चिह्नित कर नाम भेजने को कहा जो सबसे कमजोर हों ताकि उन्हें ठीक किया जा सके।
कुमार रामानुज ने जिलों को यह भी निर्देश दिया कि कोर्ट केसों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने में अपनी भूमिका निभाएं। शिकायतों को गंभीरता से सुनें। पहले से मिली राशि की उपयोगिता और अन्य दर्जनभर मसलों की भी समीक्षा हुई। बैठक में उप निदेशक ओपी शुक्ला, वर्षा सहाय, सहायक निदेशक रमेश चन्द्रा, शशि गुप्ता शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि एससी/एसटी व अल्पसंख्यक बहुल टोलों में शिक्षा सेवकों की नियुक्ति होती है। इन्हें दस हजार रुपये मानदेय मिलता है।