बिहार के चार उम्मीदवार, जो पहले लोकसभा जाएंगे फिर ससुराल

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बिहार लोकसभा चुनाव में इस बार सदन जाने की जोर आजमाइश में सभी उम्मीदवार लगे हैं, लेकिन इस उम्मीदवारों की लिस्ट में कुछ नाम ऐसे हैं जिन्होंने लोकसभा में जाना पहले चुना है फिर ससुराल में जाना. दरअसल हम बात कर रहे हैं बिहार के कुंवारे उम्मीदवारों के बारे में जिनपर अपने पार्टी को जिताने का ज्यादा भार है न कि अपनी गृहस्थी बसाने का.

बिहार चुनाव में ऐसे 4 उम्मीदवार हैं अलग- अलग पार्टी के जिन्होंने अभी तक शादी नहीं की. उम्मीदवारों से इतर एक चेहरा ऐसा भी है जो महागठबंधन का चेहरा है और बिहार में विपक्ष की सबसे बड़ी तस्वीर. वो भी अभी तक कुंवारे हैं और चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है. तेजस्वी यादव लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं और अपनी पार्टियों के उम्मीदवार को जिताने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन इस जिम्मेदारी को उठानी की वजह से शायद अभी तक गृहस्थी बसाने की कोशिश नहीं की. वहीं दूसरे कुंवारे उम्मीदवार की बात करें तो वो हैं लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान.

चिराग जमुई से सांसद भी रहे और अब इस बार फिर से उम्मीदवार भी हैं. चिराग पासवान के पास सबकुछ है, विरासत में मिली पार्टी और राजनीति तो वहीं जनता का साथ ऐसे में किसी चीज की कमी है तो वो है एक दुल्हन और ये बात रामविलास पासवान ने भी एक इंटरव्यू में कहा था. अब अगले कुंवारे उम्मीदवार की बात करें तो इनकी चर्चा फिलहाल पूरा देश कर रहा है ये हैं बेगूसराय से सीपीआई के उम्मीदवार कन्हैया कुमार. कन्हैया कुमार का मुकाबला बेगूसराय में बीजेपी के गिरिराज सिंह से है.

कन्हैया 32 साल के हैं और उनकी मां ने कई बार कहा कि अब घर में दुल्हन आ जाती तो अच्छा होता. इस चुनाव में कन्हैया के कंधों पर वामपंथ का बोझ है, ये बोझ उतर जाए तो फिर शायद गृहस्थी का बोझ संभाले. अगले कुंवारे उम्मीदवार की बात करें तो वो हैं पूर्वी चंपारण से ताल ठोक रहे 27 साल के आकाश कुमार सिंह. आकाश के नाम की जब घोषणा हुई तभी से इनकी चर्चा काफी है क्योंकि आकाश के पिता अखिलेश सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभी प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हैं और इनका मुकाबला राधा मोहन सिंह के साथ है. राजनीति विरासत में मिली है.

अब देखना है कि आकाश यह विरासत आगे बढ़ाते हुए बतौर सांसद बनने के बाद दूल्‍हा बनते हैं या नहीं. तो वहीं इस चुनाव में 41 साल के कुंवारे अजय मंडल हैं जो भागलपुर को फतह करने की जिम्मेदारी जदयू ने अजय मंडल को सौंपी है. अजय अविवाहित हैं, जबकि विधानसभा में उनकी तीसरी पारी है. पिछले विधानसभा चुनाव में वे नाथनगर से विजयी रहे थे. माना जा रहा है कि अजय कुमार मंडल भी चुनाव के बाद अपना घर बसा सकते हैं, आखिर 41 की उम्र कम नहीं होती. राजनीति में इस उम्र के कुंवारे कम ही मिलेंगे. अब देखना है कि चुनाव के बाद लगन का शुभ मुहूर्त क्या इन उम्मीदवारों के घर में दुल्हन की इंट्री कराएगा या राजनीति की बोझ इन्हें गृहस्थी के तरफ जाने से रोकेगी.

 

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