दुबई : चेन्नई सुपर किंग्स IPL 2021 की चैंपियन बन गई है। एमएस धोनी की कप्तानी वाली सीएसके ने दुबई में हुए फाइनल मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स को 27 रनों से हराकर चौथी बार आईपीएल चैंपियनशिप पर अपना कब्जा किया है। पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई ने फाफ डुप्लेसी ने 86 रनों की बेहतरीन पारी खेली। जिसके दम पर चेन्नई ने 192 रनों का जबरदस्त स्कोर खड़ा किया। जवाब में कोलकाता के लिए वेंकटेश अय्यर (50) और शुभमन गिल (51) ने भी तेज-तर्रार शुरुआत की, लेकिन अर्धशतक जमाने के बाद जैसे ही अय्यर का विकेट गिरा, तो पूरा पतझड़ आ गया और वहां से रनों पर पूरा ब्रेक लगने के साथ ही जल्दी से 8 विकेट गिर गए और केकेआऱ् की पारी इससे उबर नहीं पाई और 20 ओवरों में 9 विकेट खोकर 165 रन ही बना सकी। सीेएसके के लिए शार्दुल ठाकुर ने सबसे ज्यादा 3 विकेट हासिल किए।डुप्लेसी एंड कंपनी की ताबड़तोड़ बैटिंग
- टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी सीएसके ने ऋतुराज गायकवाड़ (32) और फाफ डुप्लेसी (86) के दम पर अच्छी शुरुआत की. डुप्लेसी ने सीजन में अपना छठां अर्धशतक जमाया और टीम को 192/3 के जबरदस्त स्कोर तक पहुंचाया। इन दोनों के अलावा मोईन अली (37 नाबाद) और रॉबिन उथप्पा (31) ने भी तेज-तर्रार पारियां खेलीं।
-
बुरी तरह लड़खड़ाई KKR, फिसला खिताब
जवाब में वेंकटेश अय्यर (50) और शुभमन गिल (51) ने जबरदस्त शुरुआत की. खास तौर पर अय्यर ने खूब धुनाई की और तेजी से अपना अर्धशतक जमाया। लेकिन 11वें ओवर में अय्यर के आउट होने के साथ ही विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ, जिससे KKR कभी नहीं उबर पाई और पूरी टीम सिर्फ 165/9 रन ही बना सकी।
-
फाइनल में एमएस धोनी ने की दो बड़ी गलतियां, फिर चैंपियन, ये है मामला
कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ फाइनल मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी को बल्ले से दम दिखाने का मौका नहीं मिला, जबकि फील्डिंग के वक्त उनकी शुरुआत निजी तौर पर अच्छी नहीं रही थी।
कोलकाता की पारी में धोनी ने 2 बार वेंकटेश अय्यर का कैच टपकाया, लेकिन फिर भी आखिर में ट्रॉफी धोनी ने ही उठाई.पावरप्ले में वेंकटेश अय्यर को दो जीवनदान
बात अब धोनी की दो गलतियों की, जिसने हर किसी को न सिर्फ हैरान कर दिया। कैच छोड़ने की गलती चेन्नई को भारी पड़ सकती थीं। वो भी एक बार नहीं दो बार और बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर की। . अपनी बेहतरीन विकेटकीपिंग के कारण धोनी ने बहुत ही कम ऐसे मौके दिए हैं। जब उन्हें कैच छोड़ते हुए देखा गया हो। लेकिन इस सीजन के सबसे बड़े मैच में ऐसा हुआ। कोलकाता की पारी के दूसरे ही ओवर में हेजलवुड की तीसरी गेंद पर वेंकटेश अय्यर ने कट मारना चाहा। लेकिन गेंद में उछाल ज्यादा था और बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर की ओर कैच गया, जो धोनी के कंधे की ऊंचाई तक था। लेकिन चेन्नई के कप्तान इसे लपक नहीं सके और आसान कैच टपका दिया। अय्यर ने अगली ही गेंद पर छक्का ठोक दिया। अगले 2 ओवरों में 3 चौके और ठोके।
फिर पांचवां ओवर आया और एक बार फिर धोनी ने अय्यर को जीवनदान दे दिया। इस बार हालांकि, चांस थोड़ा मुश्किल था. पांचवें ओवर में शार्दुल ठाकुर की पांचवीं गेंद शॉर्ट थी. अय्यर ने इसे पुल करने की कोशिश की, लेकिन बल्ले के ऊपरी किनारे से लगकर गेंद विकेट के पीछे की ओर गई, जहां धोनी ने हवा में उछलकर एक हाथ से कैच लेना चाहा, लेकिन गेंद ग्लव्स को छूती हुई 4 रनों के लिए चली गई.।
एक विकेट मिला…और पतझड़ शुरू
जब धोनी ने पहला कैच छोड़ा, तब अय्यर ने अपना खाता भी नहीं खोला था. जब दूसरी बार कैच छूटा, तो वह 21 रन पर थे। केकेआर के इस धाकड़ ओपनर ने इन जीवनदान का फायदा उठाया और एक बेहतरीन अर्धशतक जमाया. इसके बावजूद वह बड़ी पारी नहीं खेल सके। एक बार अय्यर का विकेट मिला, उसके बाद धोनी ने अपने गेंदबाजी में बदलावों का इस्तेमाल कर केकेआऱ् की पारी को धराशायी कर दिया. कोलकाता ने 11वें ओवर से लेकर 17वें ओवर तक सिर्फ 2 बाउंड्री ठोकीं और 8 विकेट गंवा दिए और एक बार फिर धोनी के दिमाग और उनकी करिश्माई कप्तानी ने चेन्नई सुपरकिंग्स को चौथी बार आईपीएल चैंपियन बना दिया। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में कोलकाता के लिए वेंकटेश अय्यर और शुभमन गिल की जोड़ी ने एक और तेज शुरुआत की और 10वें ओवर तक टीम अच्छी स्थिति में थी। लेकिन 11वें ओवर में अय्यर के आउट होने के साथ ही पासा पलट गया और अगले 10 ओवरों में केकेआर ने सिर्फ 74 रन बनाकर 9 विकेट गंवा दिए. इस तरह चेन्नई ने चौथी बार खिताब जीत लिया।