कमला नदी का बढ़ रहा जलस्तर, सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

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जयनगर | लगातार बारिश के कारण कमला का जल स्तर लगातार बढ़ता चला जा रहा है। इससे आस पास के लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। 23 हजार क्यूसेक से अधिक दबाव पड़ने से कमला पुल कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल की रेलिंग चार-पांच जगहों पर टूट गई है। पुल के सतह के निचले हिस्से में प्लास्टर भी गिरता जा रहा है। 1957 में बने 33 पिलर वाले कमला पुल को एक लाख 40 हजार क्यूसेक पानी की प्रेशर थामने की क्षमता है। इससे अधिक की प्रेशर पड़ने पर पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है। लेकिन 13 जुलाई 2019 में नेपाल से आयी बाढ़ का पानी का प्रेशर एक लाख 63 हजार क्यूसेक था। मालूम हो कि 23 हजार क्यूसेक का अधिक प्रेशर पड़ने के कारण सिर्फ कमला पुल ही क्षतिग्रस्त नहीं हुआ बल्कि छह जगहों पर कमला तटबंध टूट भी गया था। इस कारण सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया और हजारों लोग प्रभावित हुए थे। नेपाल के द्वारा पानी छोड़ने के बारे में कमला तटबंध के जूनियर इंजीनियर विजय कुमार पांडे ने इसकी पुष्टि की है।
खैरामठ व डोरवार पर बाढ़ की खतरा : डोरवार व खैरामठ गांव की 10 हजार आबादी पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित है। प्रशासन की ओर से सिर्फ डोरवार गांव में ही एक नाव की व्यवस्था की गई है। गांव के लोग संभावित बाढ़ से डरे व सहमे हुए हैं। कमला ब्रिज में कुल 76 फोलिंग शटर है।

चचरी पुल बहा, दर्जन भर गांवों का सड़क संपर्क टूट गया

नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में भारी बारिश होने के कारण गुरुवार रात से कोसी, तिलयुगा, भूतही बलान, कमला बलान सहित अन्य बरसाती नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। तिलयुगा नदी के भगता घाट व भूतही बलान नदी के ललबाराही घाट सहित अन्य नदी घाटों पर सुलभ आवागमन के लिए सामाजिक स्तर से बनाए गए चचरी पुल नदी की तेज धारा में बहकर गई है। इस कारण कोसी तटबंध के अंदर बसे दर्जनभर से अधिक गांवों का सड़क सम्पर्क टूट चुका है। चचरी पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण भेजा पंचायत के ललबाराही, बसीपट्टी पंचायत के बसीपट्टी, भगता, नोनियारी, सलहेसपुर, हथियागार, गढ़गांव पंचायत के गढ़गांव, भवानीपुर, गोबरगढ़ा, लुचबनी, परियाही, करहारा पंचायत का पूर्वी भाग सहित अन्य गांवों की लगभग 30 हजार की आबादी को प्रखंड मुख्यालय से सीधे जोड़ने वाला सड़क सम्पर्क भंग हो चुका है। इन गांवों के लोगों को प्रखंड मुख्यालय, अस्पताल, बाजार, बैंक आदि कार्यों के लिए 30 से 35 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करते हुए सुपौल जिले की सीमा से होकर जाना पड़ेगा।

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