जमशेदपुर के युवा लेखक अंशुमन भगत ने पीएम मोदी को कोरोना प्रबंधन को लेकर दिया सकारात्मक सुझाव

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जमशेदपुर :कोरोना की दूसरी लहर जहां पूरे देश में तेजी से विकराल रूप लेते जा रही है, वही इसका खासा असर जमशेदपुर शहर में देखा जा रहा है, जहां रोजाना 700 के पार कोरोना मरीज मिल रहे है, वहीं 10 से 15 मरीज की मौत हो रही है, इस दौरान जमशेदपुर के एक युवा लेखक अंशुमन भगत का पूरा इलाका कंटेनमेंट जोन के कारण 10 दिनो के लिए सील कर दिया गया, इस दौरान युवा लेखक ने घर में रहकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, इस पत्र में कोरोना के शुरुआती दौर में देश में क्या कुछ उतार-चढ़ाव हुआ, वही प्रधानमंत्री ने क्या कुछ कड़े फैसले लिए, लोगों ने मिलजुल कर कैसे कोरोना के प्रति लड़ाई लड़ी, वही दूसरी लहर कोरोना से कैसे पूरा देश परेशान है, क्या कुछ कदम उठाना चाहिए और प्रधानमंत्री के साथ लोगों को क्या कुछ करना चाहिए, जिससे कोरोना की जंग हम जीत सके, प्रघानमंत्री को पत्र के माध्यम से लिखा गया।

पत्र के माध्यम से अंशुमन भगत ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि आपके शासन में कई ऐसे फैसले लिए गए, जिससे देश के हर व्यक्तियों का मनोबल बढ़ा। कोरोना काल में हर तबके के लोगों को आर्थिक एवं स्वास्थ्य से सामना करना पड़ा। खासकर निचले गरीब तबकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लोग पलायन कर रहे थे। काम ना चलने की वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा सी गई थी क्योंकि यह तबका कमाता है तो खाता है किंतु आप की सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिससे उन तबकों को सहायता मिली चाहे वह सुरक्षित पलायन करवाना हो या राशन पैसे सीधे अकाउंट तक पहुंचाना हो। 2020 के कोरोना काल में यह देखने मिला कि सभी ने एक साथ आकर इस महामारी से लड़ने के लिए आगे आए थे, लोगों का हौसला सभी ने साथ मिलकर बढ़ाया। विपक्षी दलों की ओर से भी इसमें अपनी भूमिका निभाई गई थी। शायद इसी वजह से हमने काफी हद तक कोरोना पर काबू पा लिया था। किंतु इस वक्त हालात बद से बदतर हो रहे हैं। पहले के मुकाबले कोरोना काफी घातक हो चुका है और यह तेजी से बढ़ रहा है। इससे हर दिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं और हजारों की गिनती में लोग जान गवा रहे हैं। ऐसे हालात में कैसे लोग सुरक्षित रहे और कैसे हर आम इंसान तक स्वास्थ्य से जुड़ी हर जरूरी चीजें मुहैया हो, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। साथ ही पहले के मुकाबले कोरोना के अधिक टेस्ट हो और वैक्सीन हर वर्ग के लोगो तक पहुंचाएं जाएं। जिससे हर गरीब इस महामारी से लड़ सके। लोगों को पहले के मुताबिक ज्यादा जागरूक करने की आवश्यकता है कि लोग मास्क पहनकर ही घर से निकले और केवल जरूरी काम होने पर ही घर से निकले। इस गंभीर हालत में यह सोचना है कि कैसे लोग सकारात्मक रह सके। लोग ज्यादा भयभीत ना हो, इस पर ध्यान देना है क्योंकि यह देखने मिल रहा है कि लोग ज्यादा हताश हो रहे हैं। ऐसे परिस्थिति में देश के नागरिकों का हौसला बढ़ाना चाहिए। जनता अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकती है अगर जरूरी निर्देशों का पालन किया जाए तो, परंतु आज लोग सिर्फ और सिर्फ इस आशा में है कि देश के प्रधानमंत्री हमारे लिए कुछ बेहतर निर्णय ले ताकि उनको इस महामारी से छुटकारा मिले।
अंशुमन ने यह भी कहा कि सत्ता के साथ साथ जरूरी है कि लोगों की सुरक्षा के लिए इंटेलिजेंस के साथ बातचीत करके कुछ नए फैसले लिए जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो की जाने बच सके। हो सकता है कि आगे और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़े किंतु इस समय ऑक्सीजन, वैक्सीन, दवाओं इत्यादि के साथ साथ जरूरी है कि लोगो का मनोबल बढ़े। आपको एक बार फिर से लोगो को विश्वास दिलाना होगा की उनके साथ आप खड़े हो, इस महामारी से निजात दिलाने के लिए। ख़ास तौर पर इससे पीड़ितो को भी कोरोना से लड़ने में मानसिक रूप से सहायता मिलेगी तथा अन्य लोगो का हौशला और ज्यादा बढ़ जाएगा। इस महामारी को हम फिर एक बार काबू कर सकते हैं। जिसके लिए सभी का सकारात्मक होना जरूरी है।

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