- नेत्र जांच कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालय के टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी ट्रेंड टीचर्स की स्कूल के एक-एक बच्चे के आंखों की टेस्ट कराने की जिम्मेदारी होगी
जमशेदपुर/रांची :झारखंड सरकार ने राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम को प्रभावी बनाने का निर्णय लिया हैकी सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के स्टूडेंट्स की आंखों की जांच (Eye Test) कराई जाएगी. वहीं, जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को चश्मा भी उपलब्ध कराया जाएगा. यह कार्यक्रम स्टूडेंट्स के लिए पूरी तरह नि:शुल्क (Free of Cost) होगा।
सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र जारी : राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र जारी किया गया है. राजधानी रांची के सभी ब्लॉक में शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को भी तैयारी प्रारंभ करने के लिए निर्देशित किया गया है. 6 दिसंबर से नेत्र जांच कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
टीचर्स को मिलेगी ट्रेनिंग : नेत्र जांच कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश के सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालय के टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेंड टीचर्स की स्कूल के एक-एक बच्चे के आंखों की टेस्ट कराने की जिम्मेदारी होगी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इसकी व्यवस्था होगी।
1दिसंबर से शुरु होगी शिक्षकों की ट्रेनिंग : प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिक्षकों की ट्रेनिंग 1 दिसंबर से शुरु होकर 4 दिसंबर तक चलेगी. इससे पहले, मुख्य प्रशिक्षकों को 25 नवंबर को ट्रेनिंग दिए जाने की जानकारी दी गई है. स्कूल स्तर पर प्रारंभिक जांच 6 से 8 दिसंबर तक होगी. जिन स्टूडेंट्स की आंखों में समस्या होगी, उनकी विस्तृत जांच 10 से 21 दिसंबर तक की जाएगी. इसके बाद, 15 जनवरी 2022 से चश्मा वितरण कार्यक्रम होगा।
गंभीर नेत्र रोग होने पर बेहतर इलाज : स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्गत किए गए पत्र में कहा गया कि छात्र-छात्राओं में मोतियाबिंद या अन्य गंभीर नेत्र रोग पाए की स्थिति में उन्हें बेहतर इलाज के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाएगा।