सीबीएसई द्वारा जारी दसवीं कक्षा के रिजल्ट फैक्ट को जानें, क्यों हुआ रिजल्ट असंतोषजनक ?, छात्रगण एवम उनके अभिभावक है परेशान

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जमशेडपुर /बिहार: सीबीएसई द्वारा जारी दसवीं कक्षा के रिजल्ट फैक्ट को जानें, क्यों हुआ रिजल्ट असंतोषजनक ?,रिजल्ट को लेकर झारखंड, बिहार सहित कई क्षेत्रों के स्कूलों के शहरों में रहने वाले बच्चों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. एक ओर जहां सीबीएसइ बोर्ड ने 4 मई से 7 जून तक बच्चों के बीच परीक्षा आयोजित करने की बात कही थी. लेकिन कोविड19 के मद्देनजर 14 अप्रैल 2021 को नोटिफिकेशन जारी कर बोर्ड ने परीक्षा ही कैंसिल कर दिया. ऐसे में स्कूली बच्चों की अग्रतर पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए बोर्ड ने संबंधित स्कूलों के पिछले तीन वर्षों का बेस्ट एवरेज़ मार्क्स को ही आधार बनाते हुए गाईडलाइन जारी कर दी. इस गाईडलाइन में सीबीएसइ द्वारा यह भी कहा गया कि अगर जो बच्चा अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे आगामी 16 अगस्त से 15 सितम्बर तक होने वाले परीक्षा में शामिल हो सकते है.
बगैर मेरिट लिस्ट को अपनाने का नतीजा, बच्चों का मार्क्स संतोषजनक नहीं

सीबीएसइ द्वारा स्कूल बेस्ट एवरेज़ मार्किंग किये जाने और बगैर मेरिट लिस्ट को अपनाने का नतीजा यह हुआ कि बच्चों का मार्क्स संतोषजनक नहीं रहा. इतना ही नहीं संबंधित स्कूलों को सीबीएसइ गाईडलाईन में यह भी निर्देशित किया गया है कि स्कूल द्वारा बच्चों के संबंधित विषयों में प्लस – माइनस 2 मार्क्स ही देना है. वो भी एवरेज़ मार्क्स को ध्यान में रखते हुए. अगर नियम का पालन नहीं किया गया तो स्कूल का एफलियेशन रद्द कर दिया जायेगा. यह सभी गाईडलाइन और नियम को सीबीएसइ के वेबसाईट पर देखा जा सकता है.
सीबीएसई की बाध्यता और नियम के कारण कुछ बच्चों के रिजल्ट प्रभावित

बहरहाल स्कूल और सीबीएसइ के नियमों के बीच बच्चों के रिजल्ट प्रभावित जरूर हुई है. लेकिन सीबीएसइ बोर्ड ने बच्चों को पुनः परीक्षा में शामिल होने की बात कही है. जो बच्चे कम्पार्टमेंटल परीक्षा देते हैं, उसे स्कूल ही ऑनलाइन या ऑफ लाइन कंडक्ट करेगी और मार्क्स भी सीबीएसई के वेबसाईट पर अपलोड करेगी. हालांकि घोषित रिजल्ट में संबंधित स्कूलों ने अपनी-अपनी प्रतिष्ठा और बच्चों केे भविष्य को ध्यान में रखते हुए इंटरनल मार्क्स देने में संभवतः कोई कसर नहीं छोड़ी है. लेकिन सीबीएसई की बाध्यता और नियम के कारण कुछ बच्चों के रिजल्ट प्रभावित हुई है. सीबीएसइ ने यह भी गाईडलाइन में कहा है कि इस बार कोई मेरिट लिस्ट नहीं होगी. बच्चों का प्राप्तांक प्रतिशत जो भी होगा पास मार्क्स कहलायेगा. यानी हम कह सकते हैं कि चाहे मार्क्स 99 प्रतिशत हो या फिर 33 प्रतिशत सभी पास मार्क्स कहलायेंगे.
दसवीं कक्षा में कोई स्टूडेंट फेल होंगे तो ग्यारवीं कक्षा में नामांकन
अपने गाईडलाइन में जारी सीबीएसइ ने कहा है कि अगर दसवीं कक्षा में कोई स्टूडेंट फेल भी होते हैं तो उनका नामांकन ग्यारवीं कक्षा में लिया जा सकता है. बशर्ते इस बीच उसे दसवीं कक्षा में पास होना होगा. और तो और सीबीएसइ बोर्ड ने अपने नोटिफिकेशन में यह भी कहा है कि इस वर्ष परिणाम से जुड़े वेरिफिकेशन, फोटो काॅपी या पुनः मूल्यांकन एप्लिकेबल नहीं होगी.
मधुपुर में बच्चों द्वारा किये शिकायत पर SDO ने की बैठक

यही वजह है कि मधुपुर में भी कुछ स्कूलों के ऐसे परिणाम सामने आये हैं, स्कूली बच्चों द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी सौरभ कुमार भुवानियां से इस मामले में शिकायत भी की गई थी. जिसको लेकर गुरूवार को अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में संबंधित स्कूल, अभिभावकों एवं बच्चों के बीच बैठक की गई. सीबीएसइ नियम और स्कूल के क्रियाकलापों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस अवसर पर बच्चों और अभिभावकों को स्कूल द्वारा रखे गये पक्षों के आधार पर बच्चों को दिये गये इंटनर्टल मार्क्स के बारे में बताया गया. साथ ही सीबीएसइ बोर्ड के उल्लेखित नियम के अनुसार जारी परिणाम को बारिकी से समझा गया. वहीं जारी परिणाम से असंतुष्ट कई बच्चों द्वारा पुनः परीक्षा में शामिल होने की बात कही गई.

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