जमशेदपुर : सुर सप्तक गायन और नृत्य प्रतियोगिता संगीत समाज में आज रविवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य है संगीत व नृत्य कला के धनात्मक पक्ष को प्रोत्साहित करना , कला और संस्कृति का उत्थान व सामाजिक चेतना को जागृत करना है।
संगीत ध्यान की तरह है, यदि पूरी लगन और श्रद्धा के साथ इसका अभ्यास किया जाए, तो यह मानसिक स्वास्थ्य और एकाग्रता को सुधारता है। संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमारी आत्मा तक को स्पर्श करता है और संसार से कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता।
सेवा धर्म मिशन के प्रवर्तक आनंदमूर्ति जिन्होंने समाज में कला और संस्कृति के उत्थान के अनमोल धरोहर के रूप में सुर सप्तक दिया। इस प्रतियोगिता में शिक्षा निकेतन, हिल टॉप ,लिटिल फ्लावर, चिन्मया विद्यालय, लोयला स्कूल, विवेक विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में देवासीस चटर्जी अविनाश त्रिपाठी, अरविंद कुमार लाल, धर्मेंद्र सिन्हा, अजय सिन्हा, अमित कुमार, जयंतो कुमार, धीरज कुमार जितेंद्र कुमार , प्रतिमा कुमारी, की अहम भूमिका रही।
प्रतियोगिता में विजेता हुए बच्चों के बीच प्राइज वितरित किया गया।
Group A class 5 to class 8
विवेक विद्यालय की छात्रा हर्षिता द्वितीय स्थान
चिन्मया स्कूल का छात्र अखिलेश कुमार त्रिपाठी तृतीय स्थान
Group B
Class 9 to Class 12
लोयला स्कूल की छात्रा
अंकिता डे लिक प्रथम स्थान
शिक्षा निकेतन की छात्रा निशा मिश्रा द्वितीय स्थान
सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय की छात्रा शबनम सरदार तृतीय स्थान
GROUP C
Graduate
उमेंश कॉलेज की छात्रा तान्या सिंह प्रथम स्थान
भाषण और कविता प्रतियोगिता का विषय शिक्षा में नैतिकता सर्वांगीण विकास, एकता में बल, नारी अत्याचार, देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई के कारण और निवारण के ऊपर बच्चों ने अपने अपने उपरोक्त विषयों पर भाषण और कविताओं के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। प्रउत टीवी प्राउटिष्ट ब्लॉक इंडिया के सहयोग के द्वारा यह कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया। प्राउटिष्ट ब्लॉक इंडिया का उद्देश्य समाज का उत्थान करना है। बिना व्यक्तित्व के निर्माण के समाज का निर्माण नहीं हो सकता। बच्चों में नैतिकता , नेतृत्व और सर्वांगीण विकास हेतु इस तरह के कार्यक्रम पूरे भारतवर्ष में आयोजित किया जाता है। जिस से आने वाली पीढ़ी भविष्य उज्जवल हो सके। इस अवसर पर आचार्य धर्म प्रेमानंद अवधूत और अरविंद कुमार लाल बच्चों को संबोधित करते हुए शिक्षा में नैतिकता का महत्व और माता-पिता एवं शिक्षकों को सम्मान और योग क्रियाओं द्वारा मन का विस्तार और अनुशासन अपने व्यवहारिक आचरण में उतारने के लिए प्रोत्साहित किया। शायद यह उनके लिए एक अनमोल मंच था जहां उनकी आशा अभिलाषा और प्रतिभा को निखारने के लिए पुरस्कार से नवाजा गया। बच्चों एवं आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए शिक्षक की अहम भूमिका है। शिक्षा निकेतन और विवेक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बच्चों को अपने विचारों से प्रोत्साहित किया।