जमशेदपुर : सोनारी रॉकी मैदान स्थित आनंद आश्रम दुर्गा पूजा समिति के बहुचर्चित 28 फीट की दुर्गा प्रतिमा का विधिवत पूजा अर्चना किया जाएगा. पूजा स्थल पर ही तैयार किया जा रहा यह प्रतिमा को ना ही खंडित किया जाएगा, नाही इसे हटाया जाएगा. उक्त जानकारी जमशेदपुर दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने दी. कहा कि इस मामले में उपायुक्त सूरज कुमार ने पूजा करने की स्वीकृति दे दी है. आशुतोष ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से इसे हल करने के लिए साकारात्मक माहौल बनाया जा रहा था. इसी कड़ी में आज उपायुक्त से मिलकर पूजा व लोगों के भावनात्मक पृष्ठभूमि को रखा. उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी केंद्रीय पूजा समिति के तरफ से कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष सिंह अपने सुझावों को उनके बीच रखा. निवेदन किया गया की मूर्ति का निर्माण हो चुका है और हिंदू धर्म के अनुसार मूर्ति की अधूरी प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जा सकता है. मां बिना पूजा किए हुए वापस अपने धाम को चले जाए यह भक्तों के लिए सही नहीं है. समिति ने आग्रह किया की मूर्ति की पूजा होने दी जाए. कोविड के नियमों का पालन करते हुए आमजनों के लिए यह मूर्ति दर्शनीय नही होगा. बावजूद इस प्रतिमा की पूजा होगी. इस पर जिलाधिकारी ने अपनी सहमति व्यक्त की. उस पूजा स्थल पर 5 फीट की मूर्ति को स्थापित कर सरकारी गाइडलाइन के अनुसार पूजा संपन्न कराया जा सकता है. उपायुक्त ने अपने बातों के क्रम में कहा कि जबकि इन समिति के लोगों को 2 माह पूर्व भी मूर्ति निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया गया था, जिसकी पुष्टि थाना प्रभारी ने किया.
अब अंतत: समिति के संस्थापक सदस्य आशीष मोइत्रा मन्नत को पूरी करें, उनकी मन्नत मां की पूजा करने की थी. वह पूजा को संपन्न कराएं. जमशेदपुर दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के अथक प्रयास के उपरांत इस समस्या का निदान संभव हो पाया. बहरहाल केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के युवा कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष ने सामाधान के लिए दिन-रात एक कर दिये थे. उनका यह प्रयास आखिरकार लंग लाया, जिसकी सराहना की जा रही है.
प्रतिमा पर राजनीति का विराम
हिन्दू धर्म के भावनाओं की प्रतीक मां दुर्गा की यह आकर्षक प्रतिमा पर प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तथा हिन्दूधर्मावलंबी संगठनों के बीच रार कायम हो गया था. प्रशासन जहां सरकार के कोविड नियमों का हवाला देकर प्रतिमा को पूजा से वंचित करने तथा इसे हटाने पर तुला हुआ था. वहीं हिंदू संगठन व राजनीतिक दल इसे नाक की लड़ाई बना दिये थे. पूजा शुरु होने से पहले ही बयानबाजी की धूनी चलने लगी थी. हालांकि मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय पूजा समिति को आश्वस्त किया था।