जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट में आरके सिंह और गुरमित सिंह तोते गुट की तरफ से संदीप कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नम्बर 4 में न्यायधीश केएम जोसेफ और न्यायधीश हृषिकेश राय की अदालत में सुनवाई हुई. सर्वोच्च न्यायलय में संदीप कुमार सिंह की ओर से जमात-उलमा-ए-हिंद के तरफ से उत्तरप्रदेश सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सर्वोच्च न्यायलय में बहस कर चुके वरिष्ठ अधिवक्ता चंन्द्र उदय सिंह ने बहस किया. अदालत ने इस बात को जोर देकर पूछा की आप कौन हैं, आपका प्रबंधन से क्या संबंध है, आप जरूरी पक्षकार नही लग रहें हैं, क्यों हम आपको सुने ? जबाब में आरके सिंह गुट के संदीप कुमार सिंह की ओर से अदालत को बताया गया कि वे यूनियन के सदस्य है और उन्होंने नीचे भी याचिका दायर किया था, यूनियन का निबंधन रद्द है, यूनियन के पैसों का दुरुपयोग हो सकता है, बैंक खाते को फिर से फ्रिज किया जाए. लेकिन अदालत ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया, फिर अदालत ने उनकों बताया कि हाईकोर्ट में चुनाव पर लगी रोक हटाने की मांग पर दायर याचिका को निबंधन रद्द होने को आधार बनाकर अस्वीकार्य करने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आया था, और इस पर केएम जोसेफ और न्यायधीश रोहिंटन नरीमन हीं निर्णय लिया था. और चनाव का आदेश दिया था. बताया गया कि वे यूनियन के सदस्य है और उन्होंने भी याचिका दायर किया था, यूनियन का निबंधन रद्द है, यूनियन के पैसों का दुरुपयोग हो सकता है, बैंक खाते को फिर से फ्रिज किया जाए. लेकिन अदालत ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया, फिर अदालत ने उनकों बताया कि हाईकोर्ट में चुनाव पर लगी रोक हटाने की मांग पर दायर याचिका को निबंधन रद्द होने को आधार बनाकर अस्वीकार्य करने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आया था, और इस पर केएम जोसेफ और न्यायधीश रोहिंटन नरीमन हीं निर्णय लिया था, और चुनाव का आदेश दिया था, इसपर आरके सिंह गुट द्वारा कहा गया कि उस आदेश में निबंधन रद्द पर कोई टिप्पणी नही किया गया है. फिर आरके सिंह गुट ने अदालत को बताया कि हमने हाईकोर्ट से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका भी दायर कर रखी है, फिर अदालत ने उनसे कहा कि फिर यहां क्यों आएं, आप अपनी बात को नीचे रखें. याचिका रद्द होने की पूर्ण संभावना को देखते हुए, आरके सिंह गुट ने याचिका वापस लेने का अनुरोध अदालत से किया तो फिर कोर्ट ने याचिका को वापस लेने के आधार पर केस को समाप्त कर दिया।