जमशेदपुर: जमशेदपुर के एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाँ पवन पाण्डेय के नेतृत्व में पार्टि का एक प्रतिनिधि मंडल जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर मिला।जमशेदपुर के निजी स्कूलों द्वारा फिस जमा नहीं करने के कारण वार्षिक परीक्षा से वंचित करने की शिकायत दर्ज किया गया।पत्र के माध्यम से डॉक्टर पवन पाण्डेय ने कहा Covid-19 जिसे हम भारतीय कोरोना भी कहते हैं इसकी उतप्ति के बारे सभी लोग जानते हैं, पूरा विश्व इसकी मार से कराह रहा है, टीवी एवं समाचार पत्र, पत्रिका के द्वारा आज भी विनाश लीला की जानकारी मिल रही है l इसके प्रभाव से बचने हेतु आज भी हम सभी मास्क का प्रयोग कर रहें हैं l हम सभी जानते हैं कि देश की 80% जनता गरीबी से उबरने के लिए रात दिन संघर्ष करती है,
कोरोना के कहर ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा, देश की सरकार को मुफ्त अनाज बाटना पड़ा, आम जनता घरों से निकल तैयार भोजन के पैकेट बांटने लगे, देश वासियों के सामने ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि सारे भारतीयों ने एकजुट होकर कोरोना से युद्ध किया, जीत तो मिली लेकिन पूरी नहीं l
देशवासिओं के सन्मुख आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई माध्यम और निचले वर्ग की नौकरी छूट गई, घाटे के कारण कंपनी बंद होने लगे, कई परिवार के मुखिया ने खुदकुशी कर ली, लगभग एक वर्ष से हर पारिवारिक पेट की आग, तन की लँगोटी और दवाइयां खरीदने में परेशान है, हर माता पिता बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान है, स्कूलों में परीक्षा आरम्भ हो गये हैं, बहुत सारे बच्चों को परीक्षा देने की इज़ाज़त नहीं मिली, बच्चे माँ के आंचल और पिता के गोद में नन्हे हथेली से आँसुओ को पोछते हुए सवाल पूछ रहा है हमारा गुनाह क्या है, तुमलोगों ने फीस क्यों नहीं जमा किया?
पिता आसमान की ओर देखकर धीरे से कहता है, तुम्हारा पिता ईमानदार है मेहनत कर धन अर्जन करता है l धन अर्जन का केंद्र ही बंद हो गया तो कहाँ से फीस के पैसे जमा करता? बड़ी मुश्किल से बिटिया रानी पेट की आग बुझा रहा हूँ, तन ढकने के लिए कपड़े और तुम्हारे दादा दादी
की दवाई भी लाता हूँ l
बिटिया रानी कहती है चोर और
डॉन के बच्चे एग्जाम दे रहें हैं, ईमानदार की बिटिया की पढ़ाई खत्म, इससे अच्छा तो है डॉन बन जाओ पापा, हमारे पास पैसे होंगे फीस जमा हो जाएंगे एग्जाम तो देंगे पापा l
साथियों दुर्भाग्य है हमारा
हमने ऐसी सरकार बनाई हर बार जहाँ फिल्मों को टैक्स फ्री कर दी जाती है लेकिन आपदा की इस घड़ी में खास कर बेटियों को एजुकेशन फ्री नहीं की जाती, और सरकार कहती है, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ l
मुझे शंका हो रही है वर्तमान केंद्र सरकार की कार्य शैली जहाँ हर संसाधन प्राइवेट कर दिया जा रहा है कहीं ओ दिन तो नहीं देखने को मिलेगा कि चंद लोगों को ही एजुकेशन gain करनेका
अधिकार होगा और भारत वर्ष को एक और एकलव्य का दर्शन प्राप्त होगा l इसलिए त्वरित कार्यवाही कर बच्चों को वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित कराया जाए अन्यथा पार्टि उग्र आंदोलन करेगी। प्रतिनिधि मंडल में राजीव ओझा, ललित ढिंगरा, शैलेन्द्र झा, सुखलाल सांडिल,सूरज प्रधान, अभिमन्यु कुमार, राजेश चौहान, मोहम्मद कलाम अंसारी मुख्य रूप से उपस्थित थे ।