बहरागोड़ा : कोरोना महमारी के वजह से केंद्र के साथ राज्य में भी लॉकडाउन के अवधि में 116 बच्चों का लापता होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले को जनहित याचिका में तब्दील करते हुए झारखंड सरकार को अविलंब जवाब दायर करने को निर्देशित किया था। चीफ़ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लिया है,इस मामला को भारतीय जनता पार्टी के नवमनोनित प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने राज्य से लापता 116 बच्चों के मामले में चिंता जाहिर करते ट्वीट किया। ट्विटर के माध्यम से भाजपा प्रवक्ता ने राज्य सरकार का ध्यानाकृष्ट करते हुए विधि व्यवस्था पर सवाल उठाया , उन्होंने मुख्यमंत्री और झारखंड सरकार से पूछा कि आख़िर ये लापता 116 बच्चें कहाँ गये ? पूर्व विधायक श्री षाड़ंगी ने सवाल किया कि आख़िर झारखंड पुलिस कबतक इन लापता बच्चों को ढूंढ़कर वापसी सुनिश्चित करेगी। पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी के सवालों का असर था कि झारखंड पुलिस मुख्यालय ने त्वरित संज्ञान लेकर देर रात सभी जिला पुलिस को ट्विटर पर अविलंब अत्यावश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। झारखंड पुलिस ने ट्विटर पर सभी जिला पुलिस की टैग करते हुए बच्चों की रिकवरी को लेकर ज़रूरी निर्देश दिया है। पूर्व विधायक सह भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने रविवार सुबह कहा कि प्रथम दृष्टया इतने बड़े तादाद में बच्चों का लापता होना मानव तस्करी और बाल मज़दूरी की ओर ईशारा करती है। उन्होंने कहा कि इसके दूसरे पहलू भी हो सकतें है जो जाँच का विषय है, कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि लॉकडाउन अवधि में बच्चों का गायब होना राज्य की विधि व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। कहा कि पुलिस और प्रशासन की सक्रियता, चौकसी के बावजूद भी सैकड़ों बच्चों का लापता होना राज्य सरकार शासन और विधि व्यवस्था पोल खोल रहे हैं।