मुंबई : हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार नहीं रहे। सिल्वर स्क्रीन पर अपनी अदाकारी से लोगों को रुला देने वाले दिलीप को दुनिया ‘ट्रेजडी किंग’ बुलाती थी। 98 साल के दिलीप कुमार ने भारतीय सिनेमा में मेथड ऐक्टिंग की शुरुआत की। ब्लैक ऐंड वाइट फिल्मों के दौर में दिलीप कुमार और देव आनंद, हिंदी सिनेमा के दो सबसे बड़े हस्ताक्षर रहे। दुर्भाग्य से, दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं।
दिलीप कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा, “दिलीप कुमार जी को एक सिनेमाई लीजेंड के रूप में याद किया जाएगा। उन्हें असामान्य प्रतिभा मिली थी, जिसकी वजह से उन्होंने कई पीढ़ियों के दर्शकों को रोमांचित किया। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक क्षति है। उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदना।” पीएम मोदी ने कुमार की पत्नी सायरा बानो से फोन पर बात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
उम्दा कलाकार रहे दिलीप कुमार का बुधवार 7 जुलाई 2021 को सुबह निधन हो गया। वह 98 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में भर्ती थे। दिलीप कुमार के डॉक्टर जलील पारकर ने निधन की खबर को कन्फर्म किया है। दिलीप कुमार का अंतिम संस्कार आज मुंबई के सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा।
दिलीप कुमार पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें हाल में हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया था। दिलीप कुमार को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने एक दिन पहले बताया था कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है लेकिन आज सुबह उनका निधन हो गया।
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था और उनका जन्म अविभाजित भारत के पेशावर में 11 दिसंबर 1922 को हुआ था। उन्होंने साल 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से बॉलिवुड डेब्यू किया था। इसके बाद दिलीप कुमार बॉलिवुड के पहले सुपरस्टार बने और उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दीं।
दिलीप कुमार को बॉलिवुड का ‘ट्रेजिडी किंग’ का नाम दिया गया था। उन्होंने अपने करियर में शहीद, मेला, अंदाज, जोगन, बाबुल, दाग, आन, देवदास, आजाद, नया दौर, मधुमती, पैगाम, कोहिनूर, मुगल-ए-आजम, गंगा जमुना, राम और श्याम, आदमी, गोपी, क्रांति, शक्ति, विधाता, कर्मा और सौदागर जैसी एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में दी थीं।