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पिता बरगद की तरह हैं। इनके साये तले हमारी जिंदगी और भी मजबूत होती है। पिता कोे जीवित रहते हम महसूस नहीं करते कि उनकी क्या जरुरत है। लेकिन पिता के नहीं रहने से लगता है कि कहीं न कहीं हमारी जिंदगी में कमी है। लेकिन पिता के आदर्शों को […]

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अरे मोरी मैया”, ” माय गे माय”, “अम्मा” इत्यादि शब्द अस्कमात ही निकल जाते हैं जब हम किसी परेशानी में होते हैं।  हो भी क्यों ना जब पुरे संसार में एक ही तो है जिन पर हमें अटूट विश्वास है की वो हमारी समस्या का हल ले कर ज़रूर आएगी। […]

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