नई दिल्ली : स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए प्रस्तावित चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड (बैचलर आफ एजुकेशन) कोर्स शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। छात्र अब 12वीं की पढ़ाई पूरी करने बाद ही बीए-बीएड और बीएससी-बीएड जैसे कोर्सो में दाखिला ले सकेंगे। इससे छात्रों का एक साल का समय भी बचेगा। साथ ही शिक्षण के क्षेत्र में शुरू से रुचि रखने के कारण आगे और फोकस होकर बेहतर काम कर सकेंगे। देश के 50 संस्थानों से होगी इंटीग्रेटेड बीएड की शुरुआत : छात्रों को अभी बीएड करने के लिए पहले बीए या बीएससी जैसे कोर्स करने पड़ते हैं, जिनमें तीन साल का समय लगता है। इसके अलावा बीएड भी दो साल होता है। उन्हें इन दोनों कोर्सों को करने के लिए पांच साल का समय लगता है। ऐसे में शुरू से ही यदि कोई छात्र इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में दाखिला लेता है, तो उसका एक साल का समय बचेगा। शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कोर्स को शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है।
अगले एक-दो दिनों में ही इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी। हालांकि एनसीटीई ने अभी इस कोर्स को देश के कुछ चुनिंदा संस्थानों से ही शुरू करने की योजना बनाई है। इसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के करीब 50 संस्थानों को शामिल किया जा सकता है।
एनटीसीई ने तेज की तैयारी, नए पाठ्यक्रम में छात्रों को 12वीं के बाद ही मिलेगा दाखिला : एनसीटीई से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस कोर्स को इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू किया जाए या फिर इसके लिए नए सत्र का इंतजार किया जाए, इस पर भी मंथन चल रहा है। जरूरत पड़ने पर इस पर सुप्रीम कोर्ट से भी मार्गदर्शन लेने की योजना है। यह योजना इसलिए बनाई गई है, क्योंकि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में एनसीटीई को शैक्षणिक सत्र के बीच में होने वाले किसी बदलाव के लिए अनुमति जरूरी बताया था।