जमशेदपुर : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के निर्देशानुसार प्रेस वार्ता का आयोजन पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी के द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें प्रदेश कांग्रेस द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक श्रीमती आभा सिन्हा ने प्रेस वार्ता में शामिल हुई, जिला अध्यक्ष बिजय खॉ ने पर्यवेक्षक का स्वागत किया, साथ में वरीय उपाध्यक्ष ब्रजेन्द्र तिवारी, संजय सिंह आजाद, मौलाना अंसार खान, शफी अहमद खान उपस्थित रहे।
प्रदेश पर्यवेक्षक आभा सिन्हा ने प्रेस वार्ता के माध्यम से कहा कि झारखंड राज्य में वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना संक्रमणकाल में झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और गैर भाजपा शासित राज्य के साथ पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ आवाज उठाने और चरणवद्ध आंदोलन के लिए प्रतिबद्ध है। केन्द्र सरकार और उपक्रमों के पास झारखंड का 75 हजार करोड़ रू० का बकाया है, लेकिन केन्द्र सरकार इस राशि को देने के बजाय संकट की घड़ी में गलत और लोकतांत्रिक तरीके से अचानक 1417 करोड़ रू० आर बी आई के माध्यम से डीवीसी के बकाया राशि के रूप में वसुल लेती है। संक्रमण काल में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण, पीपीई किट और जांच की व्यवस्था हो,सकती थी। लोगों को रोजगार, अधुरी लटकी विकास परियोजना को गति दी जा सकती थी, लेकिन आदिवासी विरोधी केन्द्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया के कारण झारखंड के समक्ष बड़ी मुश्किल उत्पन्न हुई है।
डीवीसी की बकाया राशि रघुवर दास के कार्यकाल में थी, हेमंत सरकार ने समय से भुगतान किया है।
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि एक ओर केन्द्र सरकार खुद कोरोना की बात कह कर गैर भाजपा शासित राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के बकाया भुगतान देने से इनकार कर रही है। वही इस संकट की घड़ी में ही राज्य सरकार के खाते से सीधे राशि निकाल लेने का काम कर रही है। केन्द्र सरकार के पास झारखंड सरकार का अभी 2982 करोड़ रू० जीएसटी कंपनसेशन मद में बकाया है। वहीं 38,600 करोड़ रू० कोल इंडिया और सेल पर खान विभाग का बकाया है. इसके अलावा 3300 करोड़ रू० कोल इंडिया कंपनियों पर लगान का बकाया है।
अन्य राज्यों पर भी बकाया है पर नही काटी गई राशि ( तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, कश्मीर, आंध्रप्रदेश पर 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा बकाया है।
भाजपा के 12 सांसद झारखंड से है, वे भी चुप्पा की तरह है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के व्दारा यदि केन्द्र सरकार हमारे हक को नही देती है, तो आंदोलन होगा।