झारखंड में 1.40 लाख स्वास्थ्यकर्मियाें ने टीका लगाने के लिए काे-विन पाेर्ट पर रजिस्ट्रेशन कराया है। टीका लगाने से पहले प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और हाथ सैनिटाइज किया गया। वेटिंग रूप में आईकार्ड की जांच कर डाटा से उनका मिलान हुआ। फिर टीका लगाया गया। इसके बाद 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन रूम में रखा गया।
शनिवार की सुबह 10.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से ऑनलाइन दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। जमशेदपुर में इसके लिए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) को चिन्हित किया गया था। मुख्य कार्यक्रम एमजीएम मेडिकल कॉलेज में आयोजित किया गया था जहां पर टू वे कम्युनिकेशन सेंटर भी बनाया गया था ताकि प्रधानमंत्री अगर किसी लाभुक से बात करना चाहें तो उसके माध्यम से किया जा सके। लेकिन, मौका नहीं मिल सका। इस दौरान एमजीएम कॉलेज में दो जगहों पर एलइडी स्क्रीन लगाया गया था। एक जगह पर डीसी सूरज कुमार, सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा, एमजीएम प्रिंसिपल डॉ. पीके बारला, एसीएमओ डॉ. साहिर पाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एके लाल, जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ. बीएन उषा सुन रहे थे तो वहीं, दूसरी जगह पर लगभग 100 स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। इनमें डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन व सफाई कर्मी शामिल थे।
सफाईकर्मी एलिस बोदरा को लगा पहला टीका
प्रधानमंत्री का भाषण लगभग 11 बजे खत्म हुआ। उसके बाद उन्होंने वैक्सीन लांच किया। इसके बाद एमजीएम कॉलेज में पहला टीका 11.45 बजे सफाई कर्मी एलिस विश्वासी बोदरा को दिया गया। इसके बाद बारी-बारी से सभी लोगों को दिया गया। टीका लेने के बाद सभी को प्रमाण पत्र दिया गय। अधिकांश कर्मचारियों ने टीका लेने के बाद वापस काम पर लौट गए। कार्यक्रम में डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. एनके सिन्हा, डॉ. रीता चौहान, डॉ. गौरी भादुड़ी, डॉ. जीसी माझी, डॉ. बलराम झा, डॉ. रतन कुमार, डॉ. एसके चौहान, डॉ. एएन मिश्रा, डॉ. उमाशंकर प्रसाद, डॉ. प्याली गुप्ता, डॉ. असद सहित सैकड़ों चिकित्सक शामिल थे।
जब प्रधानमंत्री ने मां-बेटा की कहानी सुनाते हुए कहा कि याद कीजिए वह समय जब मां परेशान रहती थी, रोती थी लेकिन चाह कर भी वे अपने बेटे को छू नहीं पाती थी और न ही गोद ले पाती थी। इस दौरान एमजीएम अस्पताल की नर्स सुषमा केसी की आंखें भर आई।