जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन में लक्षण, बचाव, उपचार और इसमें उपयोग होने वाली दवाओं के बारे में बताया गया है। गाइडलाइन में इस बीमारी के तहत होने वाले खतरों को लेकर भी आगाह किया गया है। साथ ही इलाज के दौरान होने वाली जांच और दवाइयों के बारे में भी बताया गया है।
लक्षण: आंखों का लाल हो जाना, बुखार, चेस्ट में दर्द, साइनस, चेहरे में सूजन, सर दर्द, पेट दर्द, दांत टूटना, मसूड़ों में दर्द इत्यादि।
जांच: ब्लैक फंगस इलाज के दौरान ये जांच करायी जा सकती है-बीआई शुगर, आरएफटी, कल्चर टेस्ट के लिए नाक से स्वाब, चेस्ट एक्सरे, एमआरआई, सिटी स्कैन, पीएनएस, एंडोस्कोपी और वैसे कोई भी टेस्ट जो डॉक्टरों के द्वारा सुझाए जाएंगे।
इन डॉक्टरों की चाहिए टीम
माइक्रोबायोलोजिस्ट, इंटरनल मेडिसिन, इंटेंसिव न्यूरोलॉजिस्ट, इएनटी, डेंटिस्ट, ऑप्थेलेमोलोजिस्ट, डेंटिस्ट, सर्जन होने जरूरी हैं।
ये दवाइयां चलायी जाएंगी
एम्फोटेरेसिन बी लिपोसोमल, एम्फोटेरेसिन बी लिपिड काम्प्लेक्स, केसपोफंगीन प्लस लिपिड पॉलिन, मायकाफंगीन, डिफासिरोक्स प्लस लिपिड।