जमशेदपुर : आज बिरसा मुंडा की जयंती है।. बिरसा मुंडा को उनके जीवन संघर्ष के लिए भगवान का दर्जा प्राप्त है। मुंडा विद्रोह के नेतृत्वकर्ता बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। उन्हें ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक मजबूत विरोध के रूप में याद किया जाता है। बिहार और झारखंड के आदिवासी इलाकों में जन्मे और पले-बढ़े बिरसा मुंडा ने बेहद कम उम्र में अपना अलग मुकाम हासिल कर लिया था। राष्ट्रीय आंदोलन पर उनके प्रभाव को देखते हुए 2000 में उनकी जयंती पर झारखंड राज्य का निर्माण किया गया था। जमशेदपुर में प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
बेहद प्रभावशाली रहा है जीवन
उनका अधिकांश बचपन अपने माता-पिता के साथ एक गांव से दूसरे गांव में घूमने में बीता था। वह छोटानागपुर पठार क्षेत्र में मुंडा जनजाति के थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सलगा में अपने शिक्षक जयपाल नाग के मार्गदर्शन में हासिल की थी।
1886 से 1890 के दौरान बिरसा मुंडा सरदारों के आंदोलन के करीब थे। इस आंदोलन ने उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा और वो मिशनरी विरोधी और सरकार विरोधी कार्यक्रम से जुड़ गए। इसके बाद 1890 में जब उन्होंने चाईबासा छोड़ा, तब तक बिरसा आदिवासी समुदायों के ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन में भी शामिल हो गए थे।