नई दिल्ली : प्रधानमंत्री बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के आज सुबह लद्दाख दौर पर पहुंचे। लेह में जवानों के बीच प्रधान मंत्री के साथ सीडीएस जनरल विपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख दौरे के दौरान आज लेह में जवानों को संबोधित भी किया। इस संबोधन में एक तरफ पीएम मोदी ने भारतीय जवानों का उत्साह बढ़ाया, दूसरी तरफ उन्होंने चीन को जमकर सुनाया भी। मोदी ने कहा कि भारतीय जवानों ने दुनिया को अपनी बहादुरी का नमूना दिखा दिया है। लद्दाख में चीनी हरकतों पर तंज सकते हुए मोदी ने कहा कि अब विस्तारवाद का जमाना चला गया है, विकासवाद का वक्त है। चीन को सुनाते हुए बोले कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है और अब विकासवाद का है। तेजी से बदलते समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए असवर हैं यह ही विकास का आधार हैं। बीती शताब्दी में विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया। किसी पर विस्तारवाद की जिद सवार हो तो हमेशा वह विश्व शांति के सामने खतरा है। मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट जाती हैं। बता दें कि चीन वक्त-वक्त पर लद्दाख, अरुणाचल के इलाकों पर अपना दावा बताता रहता है। इतना ही नहीं हाल ही में रूस और भूटान की कुछ जमीन पर भी उसने अपना दावा किया था।
15 जून को दोनों सेनाओं के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद भी वार्ता का दौरा जारी है। भारत व चीन के बीच जारी सैन्य तनाव को खत्म करने के लिए अभी तक तीन बार सैन्य स्तर पर और तीन बार कूटनीतिक स्तर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका, लेकिन भारत ने साफ संदेश दे दिया है कि गतिरोध कम करने के लिए चीन को एलएसी से अपने सैनिक पीछे हटाना ही पड़ेगा।
सीमा पर सैनिकों का जमावड़ा
दोनो तरफ से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की जा रही है। भारतीय सेनाओं ने भी चौतरफा अग्रिम मोर्चे पर टैंकों के साथ हथियारों की तैनाती में इजाफा कर दिया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के पास एलएसी पर अपने 20,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इसको देखते हुए भारत ने भी अपनी दो डिवीजनों को तैनात कर दिया है।
बता दें कि इस क्षेत्र में वास्तविक सीमा रेखा पर भारत व चीन के बीच करीब सात हफ्तों से तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच स्थिति 15 जून को इतनी बिगड़ गई थी कि गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस दौरान चीन के भी 40 से अधिक सौनिक मारे गए थे। सेना प्रमुख नरवाने इससे पहले 23 व 24 जून को लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। तब उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें की थीं और पूर्वी लद्दाख के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा भी किया था।