विवेक विद्यालय में बॉम्बे नैचुल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया

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जमशेदपुर: जमशेदपुर के छोटा गोविन्दपुर में विवेक विद्यालय में 
बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विवेक विद्यालय में कक्षा 6 से 9 तक के छात्र-छात्राओं  के लिए बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को सागर महाजन एवं प्रियंका जनधारे ने नन्द किशोर के निर्देशन में सम्बोधित किया।
कार्यशाला में अपशिष्ट प्रबंधन, प्रदुषण, स्वच्छ भारत अभियान तथा पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली बारे में विशेषज्ञों ने छात्रों को जानकारी देते हुए बताया की शहरीकरण, औद्योगीकरण और जनसंख्या में विस्फोट के साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन 21वीं सदी में राज्य सरकारों तथा स्थानीय नगर निकायों के लिये एक महत्त्वपूर्ण चुनौती बन गई है।
  विशेषज्ञों के अनुसार, अपशिष्ट का आशय हमारे प्रयोग के पश्चात् शेष बचे हुए अनुपयोगी पदार्थ से होता है। यदि शाब्दिक अर्थ की बात करें तो अपशिष्ट ‘अवांछित’ और ‘अनुपयोगी सामग्री’ को इंगित करता है। अपशिष्ट को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है – ठोस अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट, सूखा अपशिष्ट, बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट तथा नॉनबायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट ।
    स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 02 अक्टूबर, 2014 को आरंभ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था।
      स्वच्छ भारत का उद्देश्य व्यक्ति, क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है। स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की भी एक पहल सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
      स्वच्छता और पर्यावरण का प्रत्यक्ष सम्बन्ध है। स्वच्छता की स्थिति में पर्यावरणीय स्थिति भी स्वच्छ व स्वस्थ रहेगी। आम पर्यावरण की समस्या एक वैश्विक समस्या है, अस्वच्छता के कारण पर्यावरण पर जोखिम पैदा हुआ है। नगरीय एवं ग्राम्य समाज में स्वच्छता के प्रति कम जागरुकता से पर्यावरणीय विविध पहलू प्रभावित हुए हैं। जलावरण, वातावरण, मृदावरण, जिवावरण आदि पर विपरीत असर पहुँचा है। अनुप्रयोगों की बदौलत, विविध रासायनिक उद्योगों, यातायात, जंगलों की कटाई, प्लास्टिक का अतिरेकपूर्ण उपयोग, प्रदूषित जल, प्रदूषण अन्य उद्योगों आदि के कारण पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हुआ है। जिसका सीधा प्रभाव जन जीवन पर लक्षित है। एक आकर्षक जीवनशैली के लिए सुनिश्चित करें कि आप सिंथेटिक से दूर रहें और केवल अपने दैनिक दिनचर्या में प्रमाणित कार्बनिक उत्पादों का ही उपयोग करें। वैश्विक नागरिक के रूप में सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक और उत्पादों की पैकेजिंग जैसी छोटी चीजों से पर्यावरण को होने वाले हानिकारक प्रभावों से अवगत होना चाहिए।

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