जमशेदपुर : भारत जोड़ो आंदोलन कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय संत समिति एवं गंगा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी के आह्वान पर किया गया ।भारत जोड़ो आंदोलन कार्यक्रम के अंतर्गत नई दिल्ली के जंतर मंतर में रविवार दिनांक 8 अगस्त 2021 को धरना दिया गया ।कार्यक्रम का नेतृत्व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अश्विनी कुमार उपाध्याय ने किया ।इस में अनेक हिंदू संगठनों ने भाग लिया जिसमें भारतीय जन महासभा ने भी अपनी उपस्थिति दी ।इस धरना के माध्यम से भारत सरकार से मांग की गई है कि मैकाले के द्वारा बनाए गए 222 काले कानूनों को शीघ्र ही समाप्त किया जाए ।नई दिल्ली के जंतर मंतर में ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ कार्यक्रम में देश के अनेक भागों से कई हजार लोगों ने अपनी उपस्थिति देकर इस शानदार कार्यक्रम को सफल बनाया ।इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि हमने भी अपनी उपस्थिति दी ।कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा अंग्रेजों के हितों को ध्यान में रख कर बनाए गए 222 काले कानूनों को भारतीय संविधान में वैसे का वैसे रखा जाना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है ।अब इन काले कानूनों को हटा देना चाहिए ।कहा कि जब देश स्वतंत्र हुआ तो लोगों में आशा बंधी कि अब हमें न्याय और सुरक्षा मिलेगी । लेकिन ऐसा नहीं हुआ।अंग्रेजों के चमचे ने देश में अंग्रेजों के बनाए हुए कानून को ही वैसे का वैसे अपने संविधान में सम्मिलित कर अंग्रेजों की तरह ही इस देश के लोगों पर शासन करने का काम किया ।असंतोष दिनों दिन बढ़ता गया । फलस्वरूप आज स्पष्ट देखा जा सकता है कि उनकी पार्टी की क्या स्थिति हो गई है ।कहा कि इसीलिए देश के लोगो में इस प्रकार की भावना बनी कि पहले अंग्रेज थे , अब काले अंग्रेज है ।कहा कि आज जो स्थिति है बहुत ही दुखदाई है । अंग्रेजों ने अपने ऐसे कानून बनाए थे जिससे भारतीय जनता को न्याय नहीं मिले और वह कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते रहे ।वही व्यवस्था अभी भी चल रही है । इस व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है ।
आज भी देश के अनेक भागों में न्याय और सुरक्षा की कमी को देखा जा सकता है ।पोद्दार ने कहा कि देश के वर्तमान के शासकों को यह विचार करना चाहिए कि भारत को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो चुके है । ऐसे में इस देश में स्वतंत्र भारत की जनता के लायक कानून बनाए जाने चाहिए ।कहा कि अभी के समय के अनुसार कानून व्यवस्था में बदलाव करना ही होगा । अंग्रेजों के बनाए हुए कानून को हटाकर नए सिरे से कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।य ह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में दी गई है ।