: जमशेदपुर आज रविवार को “शाहीन” (लिटरेरी फाउंडेशन जमशेदपुर गया) के तत्वाधान में “महफिल-ए-याराने उर्दू” के बैनर तले एक ऑनलाइन लेक्चर आयोजित किया गया जिसके मुख्य वक्ता अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान अली अहमद फातमी थे। यह कार्यक्रम भारत के प्रसिद्ध तरक्की पसंद शायर फैज अहमद फैज की जयंती पर आयोजित किया गया। फ़ातमी साहब ने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के बारे में बताते हुए कहा कि वे अल्लामा इक़बाल के बाद अपने युग के सबसे बड़े शायर थे। उनकी शायरी तसव्वुफ़ से मार्क्सिज्म तक का एक सफर है। वह केवल एक प्रगतिशील कवि ही नहीं बल्कि एक महान विद्वान तथा विचारक थे । वे एक ऐसे शायर थे जिसे प्राकृतिक सौंदर्य से भी बढ़कर इंसान से लगाव था।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले साहित्य प्रेमियों का स्वागत डॉक्टर एस. एम. यहिया इब्राहीम ने किया तथा पूरे कार्यक्रम को संचालित भी किया। अंत में इकरा नदीम ने अपनी सुरीली आवाज में फैज की मशहूर गजल “गुलों में रंग भरे बादे नव बहार चले” पढ़ी। इस कार्यक्रम में अनिसुर रहमान साहब, सैयद जुबैर अहमद, ऐन ताबिश, मोहम्मद हुदा तथा डॉक्टर मोहम्मद जकरिया के अलावा कई बड़ी हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।