जमशेदपुर:लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन शाम, चौथे दिन सुबह अस्ताचलगामी सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता यह है कि संध्या अर्घ्य देने और सूर्य की पूजा अर्चना करने से जीवन में सदैव तेज बना रहता है और यश, धन , वैभव की प्राप्ति होती है। पूजा की प्रसादी के लिए सुबह से चहल पहल रहती है। छठ पूजा के प्रसादी में गन्ना का प्रमुख स्थान है। नारियल, केला, डाभ निम्बू (महताबी), सिंघाड़ा आदि अन्य फलों को छठ पूजा में लिया जाता है। मालूम हो कि छठ पूजा माता सीता भी वनवास के दौरान की थी। जहां पर माँ सीताजी ने सूर्य को अर्घ्य दी थी, वह जगह सीता कुंड के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदार पर्वत पर स्थित है।
इसके दिन विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। आज के शुभ उपलक्ष्य और त्यौहार के हर्षो उल्लास से किया जाता है।