किसानों की सुविधा हेतु 1 रूपये दो और 50 हाजार तक कृषि ऋण माफ -उपायुक्त
जमशेदपुर /देवघर : देवघर में किसान ऋण माफी योजना के सफल संचालन को लेकर आज रविवार को उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में जिले के 100 से अधिक प्रज्ञा केन्द्रों के संचालकों के साथ ऑनलाइन बैठक का आयोजन समारणालय सभागार में किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा योजना के सफल संचालन को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए बतलाया गया कि वर्तमान में किसानों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसान ऋण माफी योजना का प्रारूप तैयार किया गया है, ताकि झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना का लाभ किसानों को सरलता व सुगमतापूर्वक प्रदान किया जा सके। ऐसे में बैंकों के साथ आप सभी प्रज्ञा केन्द्र संचालकों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रहेगी। योजना का क्रियान्वयन पूर्ण रूप से ऑनलाइन तरीके से किया जायेगा, ताकि किसानों को इसका सीधा लाभ दिया जा सके। किसानों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना राज्य सरकार व माननीय मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकताओं में है। कोरोनाकाल में वैसे कृषक समुदाय के समक्ष बहुत सारी चुनौती लेकर आई जिनकी आवश्यकता मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर है । ऐसी स्थिति में कृषि उत्पादन प्रभावित के साथ इसका सीधा असर किसानों के आय पर ही पड़ा है। फलस्वरूप किशान बकाया फसली ऋण चूकाने में असमर्थ हो रहे है। साथ हीं ऋण राशि चूकाने में असमर्थ होने के कारण कृषक नये फसल ऋण एवं अन्य ऋण के लिए अयोग्य होते जा रहे है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण व्यवस्था एवं आवश्यक नीति किसान ऋण माफी के तौर पर किया गया है। जो कृषक समुदाय को ऋण समस्या को बहूत हद तक कम करने में मदद करेगा, जिसमें आप सभी प्रज्ञा केन्द्र संचालकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
ऑनलाइन बैठक के दौरान उपायुक्त ने आवेदक द्वारा अपनायी जाने वाली प्रक्रिया से सभी को कराया अवगत कराया गया,इसके अलावे उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि योजना के तहत 31 मार्च, 2020 से पहले के स्टैंडर्ड ऋण लाभुकों को
50 हाजार तक के ऋण माफी का लाभ दिया जायेगा। इसको लेकर लाभुकों को बैंक के अलावा प्रज्ञा केन्द्रों में अपना आवेदन जमा करना होगा। इस प्रक्रिया हेतु सबसे पहले लाभुकों से आवेदन के अलावा उनका आधार, राशन, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, एक रूपये का शुल्क, मोबाईल नंबर एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सेवा शुल्क आपके द्वारा लिया जाना है, जिसके पश्चात ई-केवाईसी
जिसके पश्चात ई-केवाईसी के माध्यम से अपने आवेदन को प्रमाणित करना होता है। एक बार आवेदन ई – केवाईसी के माध्यम से अपने विवरण की पुष्टि करता है तो उसका आवेदन आगे के सत्यापन और प्रसंस्करण के लिए योजना पोर्टल पर स्वचालित रूप से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके पश्चात आवेदक को अपने आवेदन के सफल जमा होने पर एक टोकन नंबर या संदर्भ संख्या प्राप्त होगी। इसके अलावे आवेदन के उपरान्त अपनायी जाने वाली प्रक्रिया के बारे में उपायुक्त ने जानकारी देते हुए कहा कि चूंकि इस योजना का लाभ एक परिवार के मात्र एक ही सदस्य को प्राप्त होना है।
ऑनलाइन बैठक के अंत में उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने सभी प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से मिले इसका विशेष रूप से ध्यान रखें। साथ हीं योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु किसानों को प्रज्ञा केन्द्रों का चक्कर न लगाना पड़े। सबसे महत्वपूर्ण कृषकों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इस हेतु अपने स्तर से सभी कृषकों का सहयोग करें न कि सेवा शुल्क या अन्य सुविधाओं हेतु कोई मनमानी न करें। अन्यथा नियमों का उल्लंघन या गलत करने वाले प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को चिन्ह्ति करते हुए उनके विरूद्ध आवश्यक कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
इसके अलावे उपायुक्त ने प्रज्ञा केन्द्र संचालकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनों के साथ टाॅक टू डीसी कार्यक्रम के सफल संचालन में हर संभव सहयोग हेतु सभी का आभार प्रकट किया। साथ हीं भविष्य में ऐसे हीं जिला प्रशासन के सहयोग की बात उपायुक्त ने कही।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी एबी राॅय, सीएससी मैनेजर सत्यम प्रकाश एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।