कोविड-19 के कारण माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो देने वाले बच्चों का डाटा ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल “Bal Swaraj (Covid-Care)” पर अपलोड करने का आदेश

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एनसीपीसीआर ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड-19 के कारण माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो देने वाले बच्चों का डाटा ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल “Bal Swaraj (Covid-Care)” पर अपलोड करने को कहा

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 109 के अंतर्गत एक निगरानी प्राधिकरण के रूप में अपने कार्य को आगे बढ़ाते हुए और कोविड-19 से प्रभावित बच्चों से संबंधित बढ़ती समस्या को देखते हुए देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल “Bal Swaraj (Covid-Care Link) तैयार किया है। आयोग का यह पोर्टल देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ऑन लाइन ट्रैकिंग तथा डिजिटल रियल टाइम व्यवस्था के उद्देश्य से बनाया गया है। आयोग ने इस पोर्टल के उपयोग को कोविड-19 के दौरान माता-पिता या उनमें से किसी एक को खो देने वाले बच्चों की ट्रैकंग के लिए बढ़ाया है और संबंधित अधिकारी/ विभाग द्वारा ऐसे बच्चों का डाटा अपलोड करने के लिए “Covid care” के नाम से लिंक प्रदान किया है।

जिन बच्चों ने पारिवारिक समर्थन खो दिया है या निर्वाह के किसी भी स्पष्ट साधन के बिना हैं, वे किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 2(14) के अंतर्गत देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे हैं और ऐसे बच्चों के लिए अधिनियम के तहत दी गई सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए ताकि बच्चों की भलाई और सर्वोत्तम हित सुनिश्चित किया जा सके।

“Bal Swaraj-COVID-Care” पोर्टल का उद्देश्य बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष बच्चों को पेश किए जाने से लेकर उनके माता-पिता/अभिभावक/रिश्तेदारों को सौंपने और उसके बाद की कार्रवाई तक कोविड-19 से प्रभावित बच्चों की ट्रैकिंग करना है। प्रत्येक बच्चे के लिए जिला अधिकारियों और राज्य के अधिकारियों द्वारा पोर्टल में भरे गए डाटा के माध्यम से आयोग इस बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होगा कि क्या बच्चा अपनी पात्रता, लाभ और मौद्रिक लाभ प्राप्त करने में सक्षम है जिसके लिए बच्चा हकदार है। आयोग यह भी जान सकेगा कि क्या बच्चे को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया है और उसके लिए आदेश दिए जा रहे हैं। आयोग यह पता भी कर सकता है कि क्या राज्य को बच्चों के लिए क्रियान्वित योजनाओं के तहत लाभ देने के लिए अधिक धन प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2020 के एसएमडब्ल्यूपी नंबर 4 “In Re. Contagion of Covid-19 virus in Children Homes”, में दिनांक 28.05.2021 के आदेश के माध्यम से राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिला अधिकारियों को शनिवार शाम (29.05.2021 शाम) से पहले अनाथ हो चुके बच्चों से संबंधित डाटा कोविड केय़र लिंक के अंतर्गत बाल स्वराज पोर्टल पर भरने का निर्देश दिया है। आयोग ने दिनांक 28.05.2021 को महिला एवं बाल विकास/समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिवों को लिखे पत्र तथा मुख्य सचिवों को दिनांक 29.05.2021 को लिखे पत्र के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बारे में सूचित किया है। प्रत्येक यूजर /जिला बाल संरक्षण अधिकारी और राज्य सरकार के यूजर नाम और पासवर्ड को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी साझा किया गया है।

एनसीपीसीआर एक संवैधानिक संस्था है और भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।

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