पटना। बिहार में लगभग 85 दिन हुए सरकार गठन के बाद पहला कैबिनेट विस्तार मंगलवार को कर दिया गया। कैबिनेट विस्तार में 17 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है । इनमें भारतीय जनता पार्टी के 9 और जदयू के 8 मंत्री होंगे।
मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की सूची
भाजपा के इन मंत्रियों ने ली शपथ
– शाहनवाज हुसैन
– प्रमोद कुमार
– नितिन नवीन
– सम्राट चौधरी
– सुभाष सिंह
– नीरज सिंह
– आलोक रंजन झा
– जनक राम
– नारायण प्रसाद
जदयू के इन मंत्रियों ने ली शपथ
– श्रवण कुमार
– मदन सहनी
– संजय झा
– लेसी सिंह
– जमा खान
– सुमित कुमार सिंह
– जयंत राज
– सुनील कुमार
कैबिनेट में शामिल मंत्रियों की प्रोफाइल. शाहनवाज हुसैन : शाहनवाज हुसैन की बिहार सरकार में यह पहली एंट्री है। अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में शामिल होकर शाहनवाज ने सबसे युवा मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। बिहार के एक छोटे से गांव समस्तीपुर में जन्में, पटना और दिल्ली से पढ़ाई पूरी करने वाले शाहनवाज का बचपन से राजनीति में आने का सपना था।
श्रवण कुमार : श्रवण कुमार जदयू के नेता है। वह नालंदा से विधायक हैं और पिछली सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे। वह सात बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। श्रवण कुमार सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं।
मदन सहनी : मदन सहनी दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक हैं। 2015 में वह गौराबराम से चुनाव जीते थे। 53 साल के मदन सहनी की शैक्षिक योग्यता स्नातक है।
प्रमोद कुमार : भाजपा के प्रमोद कुमार मोतिहारी से विधायक हैं। 58 साल के प्रमोद कुमार की अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ है और 2005 से लगातार जीतते आए हैं। इससे पहले प्रमोद कुमार पर्यटन और कला मंत्री रह चुके हैं।
संजय कुमार झा : जनता दल यूनाइटेड के सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र चेहरा संजय कुमार झा जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं। संजय सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और वह पिछली सरकार में जल संसाधन मंत्री थे।
लेसी सिंह : लेसी सिंह धमदाहा से जदयू विधायक है। वह पांच बार चुनाव जीत चुकी हैं। लेसी सिंह पहली बार 2000 में विधायक चुनी गईं थी।
सम्राट चौधरी : बीजेपी के एमएलसी सम्राट चौधरी 1999 में कृषि मंत्री थे और 2014 में शहरी विकास मंत्री थे। वह बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। सम्राट चौधरी के माता-पिता भी राजनीति में सक्रिय हैं। सम्राट शकुनी चौधरी के बेटे हैं।
नीरज कुमार बबलू : बीजेपी के एमएलसी नीरज कुमार दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई है। नीरज लगातार 5 बार विधायक चुने गए है जिसमें तीन बार जेडीयू से और दो बार बीजेपी से चुनाव जीते हैं।
सुभाष सिंह : बीजेपी कोटे से सुभाष सिंह को पहली बार कैबिनेट मंत्री का जिम्मा मिला है। सुभाष पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। सुभाष सिंह गोपालगंज से बीजेपी विधायक हैं और अपने क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है।
नितिन नवीन : बांकीपुर से बीजेपी विधायक नितिन नवीन शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव को हराकर विधानसभा चुनाव जीते थे। 41 साल के नितिन नवीन 12वीं पास हैं और उनके पिता भी बीजेपी के कद्दावर नेता थे।
सुमित सिंह : 39 वर्षीय सुमित कुमार सिंह दूसरी बार चकाई विधानसभा से विधायक बने हैं। इसके पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर चकाई से 2010 में निर्वाचित हुए थे। 2015 में महागठबंधन की प्रत्याशी सावित्री देवी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
सुनील कुमार : जेडीयू विधायक सुनील कुमार आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं। सुनील गोपालगंज के भोरे विधानसभा से विधायक हैं। उनके बड़े भाई अनिल कुमार भी विधायक रह चुके हैं।
नारायण प्रसाद : नारायण प्रसाद नौतन से बीजेपी विधायक हैं और सुशील मोदी के करीबी माने जाते हैं। 62 साल के नारायण प्रसाद मैट्रिक पास हैं और अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं।
जयंत राज : जदयू नेता जयंत राज पहली बार बांका के अमरपुर से चुनाव लड़े और जीत हसिल की। उन्होंने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को मात दी थी। जयंत 33 साल की उम्र में मंत्री बने हैं।
आलोक रंजन झा : भाजपा के आलोक रंजन झा पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए हैं। आलोक सहरसा से बीजेपी विधायक हैं। उन्होंने लवली आनंद को हराकर चुनाव जीता था। 45 साल के आलोक की कोसी के इलाके में अच्छी पकड़ है।
जमा खां : विधायक जमां खान को जदयू कोटे से मंत्री बनाए गए हैं। बसपा से पाला बदलकर जदयू में शामिल हुए जमां खान चैनपुर के विधायक हैं। जमा खां पर आर्म्स एक्ट, हत्या का प्रयास समेत कई गंभीर आरोप हैं।
जनक राम : जनक राम बिहार में बीजेपी के स्टार प्रचारक थे। उन्होंने बीएसपी से राजनीति शुरू की थी। वह अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। जनक राम 2014 में गोपालगंज से सांसद बने थे।