पटना : बिहार सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन को 25 मई के बाद भी जारी रखने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक के बाद लॉकडाउन की अवधि एक जून तक विस्तार किए जाने का फैसला लिया। मालूम हो कि 25 मई को लॉकडाउन-2 की अवधि समाप्त हो रही थी। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के फैसले की जानकारी ट्वीट कर दी। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने का आधार यह रहा कि इससे कोरोना संक्रमण की दर में गिरावट आयी है। पहले तीन सप्ताह तक लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम आए हैं। आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में मुख्यमंत्री ने कई निर्देश भी दिए।
जिलाधिकारियों से दो दिनों तक लिया गया था फीडबैक
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो दिनों तक लगातार सभी जिलाधिकारियों से लॉकडाउन पर अधिकारियों ने फीडबैक लिया था। सभी लोगों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के सुझाव दिए। सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ पूरी स्थिति की समीक्षा के बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का निर्णय हुआ। अब लॉकडाउन के प्रावधानों के तहत पहले की तरह ही सभी डीएम व एसपी को कोरोनावायरस से बचने के लिए जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है।
कोरोना जांच की संख्या को और बढ़ाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जांच की संख्या को और बढ़ाना है। अभी प्रतिदिन 1.27 लाख जांच हो रही है। इसे प्रतिदिन 1.50 लाख तक ले जाना है। मार्च महीने में दस लाख की आबादी पर देश में प्रतिदिन जितनी जांच हो रही थी, उसकी तुलना में बिहार में 14 हजार जांच अधिक हो रही थी। चलंत टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गयी है, जिससे प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार जांच होगी तथा जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिल जाएगी।
कोरोना से मरे लोगों को अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपए की राशि दी जा रही है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को कहा है कि कोरोना संक्रमण से जिनकी भी मृत्यु हुई है उसकी पूरी जानकारी एकत्रित करें और परिजनों को अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है।