जमशेदपुर: जमशेदपुर में झारखण्ड मजदूर यूनियन के द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर भुइयांडीह दुर्गा पूजा मैदान में झंडोतोलन का आयोजन किया गया। झंडोत्तोलन कार्यक्रम के उपरांत राष्ट्रीय ध्वज के सामने एक दिवसीय अनशन (उपवास) कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका नेतृत्व झारखण्ड मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री दुलाल भुइयाँ ने किया। जिसमें गरीब डंप मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, दलित साफ सफाई कर्मचारी मजदूर बड़ी संख्या में शामिल हुए।
एकदिवसीय अनशन को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री दुलाल भुइँया ने कहा कि हमारा आंदोलन पूर्व घोषित है जो चरणबद्ध चल रहा है। जबतक दलित निबंधित साफ सफाई कर्मचारी व उनके आश्रितों को टाटा ग्रुप कंपनी के विभिन्न इकाइयों में सीधी बहाली नहीं होती है तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। दुलाल भुइयाँ ने कहा कि नेचर ऑफ परमानेंट जॉब का कार्य अस्थायी मजदूरों से कराया जा रहा है जो कि गलत है। झारखण्ड अलग राज्य का निर्माण इसीलिए हुआ था कि यहाँ के स्थानीय, दलित-आदिवासी व मूलवासियों का उत्थान हो, उनको बेहतर शिक्षा व स्थायी रोजगार प्राप्त हो। मगर जमशेदपुर में टाटा ग्रुप के विभिन्न कंपनियों में अधिकांश बाहरी लोगों को रोजगार मिल रहा है, स्थानीय दलित-मूलवासी लोगों को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। दुलाल ने कहा कि अगर टाटा ग्रुप द्वारा इस मुद्दे को लेकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए नहीं बुलाया जाता है तो हमारा आंदोलन आगे चल कर और उग्र होगा तथा इस मुद्दे को लेकर टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा के पास लेकर जाएंगे। एकदिवसीय अनशन में वर्तमान के किसान आंदोलन व 86 बस्ती के अंतर्गत दलित बस्तियों को मालिकाना हक देने के मुद्दे पर भी वक्ताओं ने अपने विचार रखे। एकदिवसीय अनशन (उपवास) पर झारखण्ड मजदूर यूनियन के केंद्रीय सलाहकार बैजू मुखी, हरि मुखी, भुइयाँ समाज के केंद्रीय सलाहकार रामप्रसाद भुइँया, यूनियन के केंद्रीय उपाध्यक्ष निमाई मंडल, स्वपन करूवा, ताराचंद कालिंदी, नारी ज्योति उत्थान समिति के अंजना भुइँया, यूनियन के पश्चिम सिंहभूम अध्यक्ष राहुल आदित्य, यूनियन के केंद्रीय महासचिव कमल यादव, सचिव बलदेव भुइँया, राजू सामंत, कार्यालय सचिव कुंज विभार, प्रवक्ता चैतन्य मुखी, सलाहकार दिलीप महानंद, बुद्धदेव करूवा, दीपक मंडल, मिथिलेश कुमार, गणेश महतो, अमित कुमार दास, सबिता दास, बिंदिया मुखी, भूपति सरदार, राहुल आदित्य, जितेंद्र यादव, धीरन खानी, शिवलाल लोहरा, मुन्नू विरनेट, भवानी मुखी, शांति मुखी, चंदन मुखी, गोविंदा मुखी, सन्नी मुखी व अन्य शामिल थे।