जमशेदपुर : संतान की लंबी उम्र व स्वास्थ्य के लिए रखा जाने वाला जीवित पुत्रिका व्रत बुधवार को मनाया गया। आश्विन मास की अष्टमी तिथि को माताओं ने निर्जला व्रत रहकर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर संतान की लंबी आयु का वरदान मांगी।राजा जिमूतवाहन के गिद्धराज से युवक की जान बचाने की कथा सुनी।इसे चिल्हों-सियारिन की कथा भी कहते हैं। इसी मान्यता की वजह से महिलाएं इसे पूरे मनोयोग से करती हैं। जिवित पुत्रिका व्रत अधिकांश घरों में ही किया गया। कोरोना के बावजूद कई मंदिरों के साथ घरों में भी सामूहिक पूजा अर्चना तथा कथा का श्रवण किया। हालांकि व्रत की शुरुआत मंगलवार से महिलाओं के नहाय खाय के साथ शुरु हो गयी है। सुबह स्नान ध्यान के बाद नोनी का साग, सतपुतिया की सब्जी और मड़वा की रोटी बनाकर घर के लोगों ने ग्रहण किया। महिलाओं ने संतान की संख्या के आधार पर चांदी और सोने की जिउतियां धारण किया।हालांकि रेशम के धागों से फिर से जिउतियां बनवाने कवायद दिनभर चला।व्रती माताएं कल गुरुवार को सूर्योदय के पश्चात पारण करेंगी।
Next Post
पीएम मोदी के जन्मदिन पर सेवा-समर्पण ने ओबीसी मोर्चा ने जनसंघ काल के कार्यकर्ताओं को किया सम्मानित
Wed Sep 29 , 2021