राहुल केसरी को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया,केशरी 11 महीने से फरार था उसका साथी अभी जेल में है

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जमशेदपुर : जमशेदपुर पुलिस को साइबर अपराध के मामले में एक बड़ी सफलता मिली है , साइबर अपराध के मास्टर माइंड राहुल केसरी को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है। राहुल केसरी पिछले 11 महीने से फरार चल रहा था।
राहुल केशरी के साथी पहले से ही जेल में जेल में बंद है पूछताछ में पुलिस के सामने राहुल ने कई बड़े बातों को रखा हैं.

शॉपीपे और फर्स्ट कार्ट के नाम से बनाई थी कंपनी और लोगों को गलत सम्मान करता था डिलीवर
पूछताछ में राहुल ने पुलिस को बताया कि वह शॉपीपे और फर्स्ट कार्ट नाम से ऑनलाइन वेबसाइट चलाया करता था, जिसमें वह ओरिजिनल सामान की फोटो डालकर उसे भारी डिस्काउंट के साथ बेचने का वादा करता था। लोग जब उसे आर्डर करते थे तो वह गलत सामान डिलीवर कर देता था, गलत सामान डिलीवर होने की शिकायत पर वह उनके अकाउंट डिटेल्स लेकर ठगी कर लेता था, ऐसा करते हुए उसने इस साइबर अपराध में और आगे बढ़ने की ठानी और देश के कई इलाकों में साइबर अपराध के लिए लड़कों को जोड़ता रहा।
आरके ग्रुप नाम से एक कंपनी भी खोली, विजा और मास्टर कार्ड जैसे कंपनियों को टक्कर देना चाहता था।
पूछताछ में राहुल केशरी ने बताया कि वह आरके ग्रुप नाम की एक कंपनी भी खोल रहा था जिसे 15 नवंबर को चालू करना था, जिसका रजिस्ट्रेशन ब्रिटेन के लंदन से कराया था, इसके लिए उसने 39 लाख रुपए भी दिए थे।कंपनी के माध्यम से वह कई काम करता था, वीजा और मास्टर कार्ड जैसे कंपनियों को टक्कर देने के लिए उसने नया पेमेंट गेटवे भी चालू किया था, उसने कंपनी का टर्नओवर लगभग 3.5 हजार करोड़ रुपए करने की सोंच रखी थी. वह क्रिप्टो करेंसी पर भी काम कर रहा था. साथ ही पेटीएम और फोन पे जैसे वॉलेट भी लॉन्च करने वाला था जिससे कि वह लोगों को और ठग सके।
महेश पोद्दार को साइबर अपराध सिखाने के लिए 50 हजार रूपए महीने लेता था राहुल केशरी ,
पुलिस ने खुलासा किया कि राहुल साइबर अपराध से खाने के लिए महेश पोद्दार से हर माह 50 हजार रूपए लिया करता था जिसके एवज में वह महेश को साइबर अपराध के बारे में जानकारी दिया करता था।

10वीं पास राहुल ने गुगल से 9 साल में सीखा साइबर अपराध,
पुलिस के अनुसार राहुल केसरी मूल रूप से बिहार के आरा जिले का रहने वाला है और मानगो के आदर्शनगर में चाचा-चाची के साथ रहा करता था. उसने मानगो के एसडीएम स्कूल से दसवीं की पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई छोड़ दी,उसके बाद गुगल के माध्यम से ही अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था। गुगल में उसने एचटीएमएल और जावा के अलावा और भी बहुत कुछ सीखा ।इस बीच वह वेबसाइट डेवलप किया करता था जिसके लिए उसे एक हजार से पंद्रह सौ रुपए मिलते थे, गुगल से ही उसे साइबर अपराध करने का आइडिया आया और उसने इस राह पर चलने की ठान ली अपने साथ और भी लोगों को जोड़ता था।

बैंकॉक में ले रखा था 60 हजार रूपए महीने पर फ्लैट
पुलिस को जानकारी मिली कि राहुल केसरी ने बैंकॉक में भी एक फ्लैट भाड़े पर ले रखा है जिसके लिए वह हर माह 60 हजार रूपए दिया करता था साथ ही पुलिस को उसके पास से मोबाइल में एक ई-सिम भी मिला है जो कि लंदन का है. इसके अलावा पुलिस ने राहुल के पास से यह भी जानकारी हासिल की कि राहुल फोन करने के लिए वर्चुअल कॉलिंग का प्रयोग करता था जिसके लिए वह 15 सौ रुपए हर माह दिया करता था।
एड प्रमोट करने के लिए गुगल को देता था 6 लाख रुपए महीना
राहुल अपने ऐड को प्रमोट करने के लिए गुगल एप्स को हर माह छह लाख रुपए दिया करता था जिसके एवज में गुगल उसके ऐड को प्रमोट करता था जब कोई उस ऐड पर क्लिक करता है था तो वह सीधे राहुल द्वारा बनाए गए वेबसाइट पर पहुंच जाता था जहां से डिस्काउंट के लालच में आकर ग्राहक फस जाता था।

ऐसे देता था घटना को अंजाम
राहुल ने कई सारे वेबसाइट बना रखी थी इसमें वह गूगल द्वारा दिखाए गए ऐड की हूबहू कॉपी कर उस ओरिजिनल प्रोडक्ट को कम दाम में बेचने का दावा करता था, लोग उसके विज्ञापन में आकर लोग फस जाते थे,जब भी लोग उस पर क्लिक करते वह सीधा राहुल के वेबसाइट पर पहुंच जाते थे,वहां से ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट कर सामान की खरीदारी करते थे. फिर राहुल देश भर में मौजूद अपने वर्कशॉप से गलत सामान पैक करवाता था और उसे ग्राहक के घर पर डिलीवर करवा देता था, जब ग्राहक सामान रिसीव करते थे तो वह शिकायत के लिए कंपनी के कस्टमर केयर में कॉल करते थे. राहुल उनसे पैसे वापस करने की बात कहते हुए उनसे अकाउंट डिटेल्स ले लिया करता था और फिर उनके अकाउंट से भी रुपए की ठगी कर लेता था।

पुलिस ने 8 अकाउंट किया सील करोड़ों के ट्रांजैक्शन का पता चला
इधर पुलिस ने राहुल केसरी के लगभग 8 अकाउंट को सील कर दिया है पुलिस को जांच में पता चला है कि राहुल ने कई लोगों से करोड़ों की ठगी की है। पुलिस को शक है कि पूछताछ में अभी और भी कई खाते सामने आ सकती है, पुलिस को लगभग 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी का पता चला है,पुलिस इस मामले में और भी जानकारी हासिल कर रही है.
केशरी के साथी पहले से जेल में है , वर्ष 2019 में पुलिस को कई सारी शिकायतें मिल रही थी कि गलत सामान डिलीवर कर उनसे ठगी की जा रही है. इस मामले में पुलिस ने छापेमारी कर गिरोह के सदस्यो को गिरफ्तार कर जेल भेजा है था ।पुलिस ने महेश पोद्दार के घर से छापेमारी कर 13 लाख रुपए भी बरामद किए थे. जिसके बाद से राहुल केसरी फरार चल रहा था फिलहाल पुलिस अभी और कई खुलासे करने वाली है
ये सामान हुए बरामद
एक डेल कंपनी का लैपटॉप, 2 टैब, दो मोबाइल, एक पेन ड्राइव, चार एटीएम वार्ड, एक पैन कार्ड और एक पासपोर्ट।
ये थे छापेमारी दल में शामिल
एसआई दीपक कुमार, एसआई किशोर तामसोय, पीएसआई विवेक कुमार माथुरी, एसआई अजीत कुमार रजक, आरक्षी रविंद्र कुमार, आरक्षी उमेश बैठा।

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