दौड़ते हुए घोड़ा के दिशा में परिवर्तन होते ही पथिक लक्ष्य विहीन हो जाएगा, डॉ निशा पेशन

जमशेदपुर : दयानंद एंगलो वैदिक पब्लिक स्कूल जमशेदपुर संभाग के करीब एक सौ शिक्षकों ने संस्था के असिस्टेंट रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा के दिशा निर्देशानुसार नई दिल्ली द्वारा आयोजित संस्था के निदेशक डॉ निशा पेसिन द्वारा आयोजित ऑनलाइन शिक्षक अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए।दयानंद एंकिसीग्लो वैदिक के गुआ, नोआमुंडी,झींकपानी, चिड़िया माइंस, एनआईटी आदित्यपुर के शिक्षकों ने ज्ञानवर्धक प्रशिक्षण को हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर से ऑनलाइन जुड़े करीब 900 अभिभावकों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए डीएवी संस्था के निदेशक डॉ निशा पेशन ने कहा कि वर्तमान परिवेश में अभिभावकों को बच्चों को सेल्फ स्टडी का कंसेप्ट देना चाहिए। उन्हें चाहिए कि बच्चों के मूड को जाने, उसके बाद उन्हें पूरा समय देकर अध्ययन के लिए प्रेरित करें। उन्हें हर जरुरत की संसाधन उपलब्ध कराएं। साथ ही अभिभावकों को सदैव इस बात का ध्यान रखें कि परीक्षा में उनके बच्चे को पास करना है, ना कि परीक्षा में उन्हें शामिल होकर पास होना है.बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना तब तक नहीं की जा सकती है जब तक बच्चे, शिक्षक एवं अभिभावक के सम्मान के संबंध मधुर नहीं होंगे। अभिभावक एवं शिक्षकों को सड़कों पर दौड़ने वाली टांगा को देखकर प्रेरणा लेनी चाहिए। यदि किसी तांगा में दो घोड़ा लगा हुआ है तो हमेशा दोनों घोड़ा एक ही दिशा में दौड़ता है. दौड़ते हुए घोड़ा के दिशा में परिवर्तन होते ही पथिक लक्ष्य विहीन हो जाएगा। राष्ट्रीय स्तर से अध्ययनरत बच्चों की चिंता से ओतप्रोत निदेशक डॉ निशा पेशन ने कई सारगर्भित एवं प्रेरणादायक तथ्यों को बताया कार्यक्रम में बतौर संचालिका बरखा शर्मा ने अपने मधुर वाणी से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।डीएवी संस्था जमशेदपुर संभाग के सहायक रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा ने कार्यक्रम में शामिल जमशेदपुर संभाग के सभी शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बच्चों को भारत के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक सच्चा सिपाही एवं देशभक्त बनाने के लिए मार्गदर्शन किया. स्थानीय स्तर पर डीएवी पब्लिक स्कूल गुआ के प्राचार्य नागेश्वर पसायत ने कहा कि शिक्षकों को बच्चों के भविष्य निखारने के लिए सदा ईमानदारी पूर्वक तत्पर रहना चाहिए।
