नीट-जेईई परीक्षाओं को लेकर सरकार पर हमला, प्राइवेट संस्थानों के इशारों पर कर रहे हैं विरोध

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अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए परीक्षाओं को ढाल न बनाये हेमंत सरकार : भाजपा

राज्य सरकार पहले राज्य की यूनिवर्सिटी परीक्षाओं और जेपीएससी इंटरव्यू के आयोजन पर रुख स्पष्ट करे : कुणाल

जमशेदपुर : झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने देशभर में नीट-जेईई परीक्षओं को टालने को लेकर हो रही वकालत के बीच झामुमो, कांग्रेस सहित झारखंड सरकार पर निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि चंद बड़े निज़ी कोचिंग और शिक्षण संस्थानों के इशारों पर जेईई और नीट परीक्षा को लेकर जेएमएम, कांग्रेस सहित झारखंड कैबिनेट प्रायोजित विरोध कर रही है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षाएँ आयोजित हो रहें है। जेपीएससी द्वारा विभिन्न इंटरव्यू और चयन को लेकर तिथि भी घोषित है। कोल्हान विश्वविद्यालय, राँची विश्वविद्यालय, नीलांबर- पीताम्बर विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी यूनिवर्सिटी कॉलेज छात्रों की परीक्षाएं लेने पर अडिग हैं, लेकिन झारखंड सरकार महज़ राजनीति से प्रेरित होकर जेईई-नीट पर निशाना साध रही है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं। परीक्षा लेने में देरी से छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद हो जाएगा। हमारे युवाओं और छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर ऐसा समझौता नहीं किया जाना चाहिए। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि भाजपा शासित प्रदेश गोवा, कर्नाटक और गुजरात में हाल के दिनों में सभी तरह की परीक्षाएं व्यवस्थित ढंग से हुई है। बाहर फंसे छात्र-छात्राओं के लिए भी राज्य सरकार ने उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया था। दूसरी ओर कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में भी इसी माह के अंत में प्री. डीएलएड परीक्षाएं निर्धारित हैं। ऐसे में कांग्रेस पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड सरकार छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित या संवेदनशील नहीं है, बल्कि निज़ी कोचिंग और शैक्षणिक संस्थानों के इशारों पर नीट-जेईई परीक्षाओं को लेकर भ्रामक विरोध किये जा रहे हैं, जिसकी जाँच होनी चाहिए। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि परीक्षाओं के बहाने राज्य सरकार अपनी अकर्मण्यता छिपाने की नाकाम कोशिशें कर रही है। यदि नीट और जेईई के आयोजन में चुनौतियां है, तो विश्वविद्यालय स्तरीय परीक्षाएं प्रासंगिक और उचित कैसे ? राज्य सरकार पहले यूनिवर्सिटी एग्जाम को लेकर स्थिति स्पष्ट करे।

उन्होंने दोहरे चरित्र को लेकर जेएमएम और कांग्रेस पर तेज़ प्रहार करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हुए मेहनतकश छात्रों के भविष्य को देखते हुए सरकार उचित प्रबंधन सुनिश्चित करें, और अकर्मण्यता का रोना बंद करें। यह परीक्षा देश देश के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में भर्ती कराने के लिए दी जाती है और बैठने वाले परीक्षार्थियों की तुलना में बहुत ही कम परीक्षार्थी सफलतापूर्वक दाख़िला पाते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि महज़ राजनीति के लिए विरोध से परहेज़ करनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने दावा किया कि मोदी सरकार विपक्षी पार्टी को छात्रों का भविष्य खराब नहीं करने देगी। सर्वोच्च न्यायालय ने भी परीक्षाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दिये है। इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई एक से छह सितंबर के बीच होगी जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) 13 सितंबर को कराने की योजना है। जेईई मेन्स परीक्षा मूल रूप से 7-11 अप्रैल को आयोजित होनी थी लेकिन इसे 18-23 जुलाई के लिये टाल दिया गया। नीट परीक्षा मूल रूप से 3 मई को आयोजित होनी थी लेकिन इसे 26 जुलाई के लिए टाल दिया गया था। नीट के लिए 10.5 लाख परीक्षार्थी एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं। है। जेईई मेन के लिए करीब 7.5 लाख छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड किया है जो कि पंजीकृत परीक्षार्थियों का लगभग 99% से ज़्यादा है।कोरोना वायरस के कारण ये परीक्षाएं पहले ही दो बार टाली जा चुकी हैं।

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