जमशेदपुर : सम्पूर्ण भोजपुरी विकास मंच के तत्वावधान में केबुल टाउन में स्व. भिखारी ठाकुर की 133वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर स्व. भिखारी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सम्पूर्ण भोजपुरी विकास मंच के महामंत्री प्रदीप सिंह भोजपुरिया ने कहा कि बिदेसिया, बेटी- बेचवा, कलजुग प्रेम, राधेश्याम बहार, विधवा- विलाप, पुत्रबध एवं गबरघिचोर आदि नाटकों के माध्यम से भोजपुरी पट्टी की सामाजिक रूढ़ियों को सामने रखा। वे महान भोजपुरी नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार , संगीतकार सब कुछ थे। सम्पूर्ण भोजपुरी विकास मंच सरकार से मांग करता है कि उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान मिलना चाहिए। भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर का जऩ्म बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर दियरा गांव में हुआ था। भोजपुरी संस्कृति के मसीहा की लिखी बिदेसिया, भाई विरोध, कलयुग प्रेम, ननद भोजाई, राधेश्याम बहार आदि मुख्य कृतियां हैं। इस अवसर पर भोजपुरी समाज के लोगों ने इनके बताये हुए रास्ते एवं इनके विचारों पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मंच के महामंत्री प्रदीप सिंह भोजपुरिया,शहर के वरीय ब्यंग्य साहित्यकार अरबिंद विद्रोही, शशि भूषण मिश्रा, यमुना तिवारी ‘हर्षित’, ललित पाण्डेय,कौशलेश कुमार, राजेश पाण्डेय, राजेश राय इत्यादि उपस्थित थे। कहा गया कि जननायक भिखारी ठाकुर भोजपुरी महानायक,कवि,गीतकार, नाटककार, लोक संगीतकार व नाट्य निर्देशक भी थे। भिखारी ठाकुर ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर कराने का प्रयास किया। अपने नाटक, गीत-सगीत के माध्यम से विधवा विवाह व कमजोर लोगों पर अत्याचार नहीं करने पर जोर देते हुए उन्होंने दहेज प्रथा को भी दूर करने का जोर दिया।
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