रांची :- रांची की महिला हॉकी खिलाड़ियां एक और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड पर प्रैक्टिस कर सीनियर व जूनियर स्तर के टूर्नामेंट में पहचान बना सकेंगी। क्योंकि, जिस सेंटर के साधारण ग्राउंड से निकलकर राज्य की कई महिला खिलाड़ियों ने अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई, अब वह एस्ट्रोटर्फ में तब्दील हो गया है।
बात हो रही है बरियातू बालिका हॉकी सेंटर की। आवासीय बालिका हॉकी प्रशिक्षण केंद्र की खिलाड़ियों के लिए 6.14 करोड़ रु. से नया एस्ट्रोटर्फ लाया जा रहा है। काम लगभग पूरा हो चुका है। अब स्प्रिंकल आदि लगाए जाएंगे। खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम व शौचालय आदि बन रहे हैं। करीब डेढ़ माह बाद नए एस्ट्रोटर्फ पर लड़कियां नेशनल-इंटरनेशनल लेबल टूर्नामेंट की तैयारी अब और बेहतर तरीके से कर सकेंगी।
अनदेखी से बदहाल हो गया था मैदान
जिस मैदान पर खेलकर कभी इंडियन टीम में आधे से अधिक खिलाड़ी होती थीं, वह मैदान पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। सुबह-शाम खिलाड़ियों से गुलजार रहने वाले इस मैदान में कांटे उग आए थे। इंटरनेशनल लेबल पर राज्य का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ियों को संवरते देखने वाला यह मैदान बीते कई सालों से अनदेखी का शिकार होकर बर्बाद हो गया था। लेकिन, अब यह पूरी तरह से बदल गया है। रांची में मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम के अलावा अब यहां भी अंतरराष्ट्रीय
पहले चोट लगने का रहता था डर, अब बेखौफ होकर प्रैक्टिस कर सकेंगी लड़कियां
पुराने ग्राउंड के बदहाल होने के बाद खेल विभाग ने करीब 20 लाख रुपए की लागत से नया खेल मैदान बनाया था। लेकिन, हॉकी ग्राउंड की साइज के अनुसार इसकी चौड़ाई कम होने से खिलाड़ियों के चोटिल होने का डर रहता था। वे खुलकर प्रैक्टिस नहीं कर पाती थीं, जिसका खामियाजा उन्हें बड़े टूर्नामेंट में उठाना पड़ता था।
अनुपयोगी मैदान को उपयोगी बनाया जा रहा, अब इंडियन टीम में यहीं से जाएंगी खिलाड़ी
अनुपयोगी मैदान को फिर से उपयोगी बनाया जा रहा है। पहले इंडिया टीम में बरियातू हॉकी सेंटर की पांच-छह खिलाड़ी रहती थीं। अब फिर से खिलाड़ियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी तो निश्चित रूप से रिजल्ट भी बेहतर होगा। नए ग्राउंड का काम डेढ़ महीने में पूरा होने की उम्मीद है।’ डॉ. प्रभात शंकर, जिला खेल पदाधिकारी