जमशेदपुर : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी के कथित आरोपों के मामले में अभियुक्त बनाये गये युवा नेता अप्पु तिवारी ने सोमवार को गोलमुरी थाना में दर्ज़ प्राथमिकी पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उनका बयान मुख्यमंत्री द्वारा भोजपुरी और मगही भाषाओं के अपमान के विरोध में आया था। यह दोनों ही भाषाएँ हमारी माँ तुल्य है और माँ की अस्मिता के रक्षार्थ उत्तेजना में ऐसे वक्तव्य ज़ाहिर हो गये। अप्पु तिवारी ने “भाषा ना मिठाई ह, भोजपुरी हमनी के माई ह” के नारे को भी दुहराया। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा हेमंत सोरेन की व्यक्तिगत आलोचना या अपमान करने की नहीं थी बल्कि उत्तेजना में शब्दों के चयन में गड़बड़ी हुई जिससे अनजाने में गलतबयानी हुई। इसका उन्हें भी अफ़सोस है। लेकिन भोजपुरी और मगही भाषा के अपमान पर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भोजपुरी-मगही भाषी लोगों से माफ़ी माँगनी चाहिए। भाषा और प्रांतीय आधार पर विभेद और सौहार्द बिगड़ना भी क़ानून अपराध है मुख्यमंत्री जैसे ऊंचे संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति से संवेदनशीलता अपेक्षित होती है। अप्पु तिवारी ने कहा कि यदि जाने-अनजाने में हेमंत जी ने भोजपुरी-मगही का अपमान नहीं किया होता, तो यह संभावना अधिक थी कि उनके द्वारा भी ना विरोध होता और ऐसी गलतबयानी होती। अप्पु तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बड़ा दिल दिखायें और इस प्रकरण का पटाक्षेप करें। कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन के अच्छे कामों की प्रशंसा भी वे पहले भी कर चुके हैं और किंतु गलत आचरण पर विरोध करने का भी मौलिक अधिकार है। अप्पु तिवारी ने जेएमएम को विभेदपूर्ण और नफ़रत की राजनीति छोड़ने का सलाह दिया है।
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