जमशेदपुर : लोक आस्था का महापर्व कार्तिक छठ नहाय खाय के साथ बुधवार से शुरु हो रहा है. 19 नवंबर, गुरुवार को खरना, 20 नवंबर, शुक्रवार को अस्ताच एवं 21 नवंबर, शनिवार को उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्पित करने के साथ महापर्व का पारण होगा। चार दिनों तक चलने वाले इस पवित्र पूजा में करीब 36 घंटो तक निर्जला रहते हुए व्रती छठ मईया की उपासना कर परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करेंगी. नहाय खाय के दिन बनने वाले प्रसाद को आम की लकड़ी के जलावन से बनाने की परंपरा रही है।उस दिन पूरे परिवार के लिए बनाये गये भोजन में सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है. 19 नवंबर को खरना के दिन व्रती शुद्धता को ध्यान में रखते हुए स्नानादि कर शाम को गुड़ का खीर (रसियाव) व रोटी बनाकर प्रसाद के रुप में भगवान भाष्कर व छठ मईयां को अर्पित करती है।पूजा अर्चना के बाद बाद ही स्वंय व्रती प्रसाद ग्रहण करती है. 20 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य, 21 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा, इसके साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाएगा।
छठ पर्व पर एक नजर :
18 नवंबर (बुधवार) : नहाय खाय
19 नवंबर (गुरुवार) : खरना
20 नवंबर (शुक्रवार) : अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य
21 नवंबर (शनिवार) : उदीयमान सूर्य को अघ्र्य, समापन
गेंहू सुखाने का कार्य शुरु
छठ पर्व पर ठेकुआ प्रसाद का अहम हिस्सा होता है. इसके लिए गेंहू को धोने के बाद सुखाना अहम कार्य होता है. व्रती मंगलवार से ही गेंहू सुखाना शुरु हो गया है जो गुरुवार को भी जारी रहेगा. प्राय: व्रती गेंहू सुखाने का कार्य छतों पर अथवा मैदानों में सामूहिक रुप से करती हैं. गेंहू सुखाने के दौरान किसी भी पशु-पक्षी के झूठने नही करने का ध्यान रखा जाता है. इसके बाद धोया हुआ मील में गेंहू पिसाया जाएगा. खरना तथा अगले दिन घाट के लिए ठेकुआ प्रसाद के रुप में इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
बाजारों में छायी लौकी
बुधवार को नहाय-खाय के साथ कार्तिक छठ व्रत की शुरुआत होगी. इस दिन व्रती लौकी (कद्दू) की सब्जी, अरवा चावल का भात तथा चना दाल का दाल बनाया जाता है. लौकी सब्जी की प्रमुखता को देखते हुए इसके भाव भी बढ़ जाते हैं. हालांकि व्रती आज से ही लौकी की खरीददारी कर स्टोर किया जाने लगा है. फिलहाल बाजार में इसका सामान्य रेट 20-40 रुपये किलो बिक रहा है. इधर पूण्य के भागी के लिए कई संगठनों से लौकी का नि:शुल्क वितरण कर रहे हैं.