जमशेदपुर: मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है । जिस दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाया था। यूडीएचआर एक मील का पत्थर दस्तावेज है, जो जाति, रंग, धर्म, लिंग, भाषा, राजनीतिक या अन्य राय, राष्ट्रीय या सामाजिक मूल, संपत्ति, जन्म या अन्य स्थिति की परवाह किए बिना हर व्यक्ति के लिए हक़दार के रूप में अपरिहार्य अधिकारों की घोषणा करता है।500 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध, यह दुनिया में सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज़ है।
ऐसे महत्त्वपूर्ण दिन को मनाने के लिए विद्या भारती चिन्मय विद्यालय के छात्रों को न केवल अपनी रचनात्मकता को उजागर करने का अवसर दिया गया, बल्कि दो गतिविधियों में उनकी भागीदारी के माध्यम से बुनियादी मानवाधिकारों की अपनी समझ को प्रदर्शित करने का भी अवसर दिया गया। कक्षा 9 के छात्रों ने मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के तहत संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित तीस अधिकारों में से एक पर विस्तार से बताते हुए डिजिटल कोलाज बनाया और दुनिया में अंतर्निहित मानवीय गरिमा, न्याय और शांति को पहचानने में यह विशेष अधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण है, बताया।उन्होंने “असमानताओं को कम करना, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना” विषय पर रंगीन पोस्टर भी बनाए, जो कि इस वर्ष का विषय भी है।
विद्यालय प्राचार्या श्रीमती मीना विल्खु ने दिवस विशेष के प्रति जागरूकता प्रसार पर बल देते हुए विद्यार्थियों में रचनात्मकता व व्यक्तिगत समझ के माध्यम से विकसित होती मनवाधिकारों के प्रति सजगता की सराहना की।