जमशेदपुर /रांची । स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि राज्य सरकार सहियाओं की समस्याओं के प्रति गंभीर है। सहिया ग्रामीण क्षेत्रों के साथ सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह कर लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पंहुचाने की एक कड़ी है। सहियाओं को मिल रहा मानदेय काफी कम है। केन्द्र सरकार को सहियाओं के मानदेय बढ़ाने एवं एकमुश्त देने का प्रस्ताव भेजा गया है। जो सूचना प्राप्त हो रही है उस आधार पर कहा जा सकता है कि केन्द्र सरकार जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेगी। साथ ही मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सरकार भी अपनी ओर से सहियाओं को मानदेय देने पर विचार कर रही है। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रिम्स ऑडिटोरयिम में सहियाओं के सम्मान में आयोजित राज्य स्तरीय सहिया सम्मेलन सह पीआईएल (सहभागी सीख एवं क्रियान्वयन) समागम समरोह में कही।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमें लोगों के स्वास्थ्य और उन तक स्वास्थ्य सेवायें पंहुचा रही सहिया बहनों की चिंता हैं। विभाग उनकी सभी समस्याओं का तेजी के साथ निराकरण कर उनकी दिशा एवं दशा में गुणात्तमक परिवर्तन लाने के प्रति गंभीर है और काम जारी भी है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के 24 जिलों के 32000 गांव ऐसे हैं, जहां न तो नेटवर्क है और ना ही रास्ते हैं, लेकिन वहां पंहुच कर सहिया बहनें अपनी सेवा दे रही हैं। सरकार ने इनकी इसी लगन और प्रयास को समझते हुये उन्हे प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने का फैसला लिया है। जिसके तहत सहिया बहनों के कार्यों को चार कैटगरी गोल्डेन, सिल्वर, कांस्य एवं श्वेत में विभाजित किया है। सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सहिया बहनों को गोल्डेन कैटेगरी के तहत 1000 रुपये की राशि प्रतिमाह दी जायेगी । उससे कम प्रदर्शन करने वाली सहिया बहनों को सिल्वर कैटेगरी के तहत 500रु/माह एवं कांस्य को 250रु/माह दिये जायेंगे । इस प्रकार उनमें काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन की भावना विकसित होगी।सहिया बहनों के प्रयास का ही नतीजा है कि मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर के आकड़ों में गिरावट दर्ज करने में सफलता मिली है। साथ ही झारखण्ड में मातृत्व मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर भी देश के अनुपात में कम है। उन्होंने कहा कि सहिया बहनों के सहयोग से ही कुपोषण को कम करने में मदद मिली है । वहीं कृमि दिवस पर बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली खिलानी हो, किशोरियों को आयरन की गोली देनी हो या गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य आदि कार्यों में उनके सहयोग से सफलता मिली है।
झारखंड सरकार भी सहियाओं को मानदेय देने पर कर रही विचार- बन्ना गुप्ता
