जमशेदपुर : टाटा मोटर्स के सिविल मेंटेनेंस के कर्मचारी पिछले करीब 18 दिनों से हड़ताल पर हैं. मजदूर अपने पीएफ विसंगति को दूर करने, पांच वर्षों से कार्य करने वाले कर्मचारियों का नियम संगत फाइनल सेटलमेंट समेत कई अन्य मांगों को लेकर आंदोलित हैं. कांग्रेस नेता आनंद बिहारी दुबे मजदूरों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. लेकिन इसी बीच आंदोलन में अचानक विधायक रामदास सोरेन की इंट्री के बाद मजदूरों में ऊहापोह की स्थिति है. गुरुवार को डीएलसी के साथ हुई त्रिपक्षीय वार्ता में भी किसी प्रकार का कोई निर्णय नहीं हो सका. साथ ही विभिन्न माध्यमों से यह बात भी सामने आयी कि विधायक रामदास सोरेन व कांग्रेस नेता आनंद बिहारी दुबे में आपस में इगो की लड़ाई है. इस पर आनंद बिहारी दुबे ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे पार्टी के एक छोटे कार्यकर्ता व मजदूरों के नेता हैं. कहीं से किसी प्रकार का कोई इगो नहीं है. इगो बस इस बात का है कि मजदूरों का फाइनल सेटलमेंट मिलना चाहिए. चाहे वे विधायक रामदास सोरेन या डीएससी दिलायें. कहा कि हर हाल में मजदूरों का हित होना चाहिए. कहा कि अगर मजदूरों के साथ किसी प्रकार की राजनीति कर उनके अहित की बात होती है तो आंदोलन का वृहत रूप आने वाले दिनों में दिखने की चेतावनी दी।