टाटा स्टील के ज्योति फेलोशिप प्रोग्राम से नोआमुंडी के हजार से अधिक मेधावी विद्यार्थी लाभान्वित हुए

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• पिछले 9 वर्षों में नोआमुंडी के विद्यार्थियों के बीच 60.68 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी
नोआमुंडी : शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मेधावी विद्यार्थियों के लिए फेलोशिप की सुविधाएं प्रदान करना टाटा स्टील के प्रयासों का एक अहम हिस्सा है।
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के नोआमुंडी से हर वर्ष औसतन 100 मेधावी विद्यार्थी ज्योति फेलोशिप प्रोग्राम से लाभान्वित हो रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में इस फेलोशिप के तहत नोआमुंडी के हजार से अधिक विद्यार्थियों के बीच 60.68 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। 2020 में नोआमुंडी क्षेत्र से कम-से-कम 169 विद्यार्थियों को यह फेलोशिप प्रदान किया गया, जिसकी कुल राशि 8 लाख रुपये से अधिक है।
टाटा स्टील फ़ाउंडेशन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर एससी और एसटी परिवारों के मेधावी छात्र-छात्राओं को ज्योति फेलोशिप दिया जाता है, ताकि वे अपनी शैक्षिक और कॅरियर आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। यह फेलोशिप शैक्षणिक योग्यता के परीक्षण के आधार पर योग्य उम्मीदवारों को चिन्हित करता है, जिसमें विद्यार्थी को हर साल दो स्तरों, स्कूल स्तर (कक्षा सात) और कॉलेज स्तर (स्नातक प्रथम वर्ष) पर आयोजित एक कॉमन लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना होता है। एक बार जब विद्यार्थी इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता है, तो वह नये फेलोशिप तथा आने वाले साल के लिए फेलोशिप के नवीनीकरण का पात्र हो जाता है। फेलोशिप नवीनीकरण के लिए विद्यार्थी को अपने स्कूल/कॉलेज द्वारा आयोजित प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की वार्षिक परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करना होता है।
फेलोशिप नोआमुंडी के विद्यार्थियों के लिए एक वरदान के रूप में आया है, जो अन्यथा अपनी शिक्षा पूरा करने में कई बाधाओं का सामना करते हैं। वित्तीय सहायता के अभाव में अक्सर कई विद्यार्थी स्कूल और कॉलेजों से बाहर हो जाते हैं।
कोल्हान विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की छात्रा रंजीता लकड़ा ने तमाम आर्थिक बाधाओं के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखने में सक्षम हो पायी, क्योंकि उसे अध्ययन के लिए तीन साल पहले ज्योति फेलोशिप के रूप में आर्थिक सहायता मिली थी।
रंजीता लकड़ा ने बताया, “मैं एक गरीब परिवार से आती हूं, जहां शिक्षा में पैसे खर्च करना एक चुनौती है। मैं शिक्षा जारी रखना चाहती थी और फेलोशिप की राशि ने इसमें मेरी मदद की। यदि अधिक से अधिक लड़कियों को छात्रवृत्ति मिलती है, तो यह उनके लिए उपयोगी होगा, क्योंकि हमारे क्षेत्रों में अधिकांश लड़कियां पैसे के आभाव के कारण शिक्षा छोड़ देती हैं।”
कक्षा सातवीं से छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली नोआमुंडी कॉलेज में बीए की छात्रा प्रीति पूरती कहती हैं कि छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए वह टाटा स्टील की आभारी है, क्योंकि इसने उसे अपने शैक्षणिक संसाधनों को मजबूत करने में मदद की है।
टाटा स्टील का ज्योति फेलोशिप प्रोग्राम झारखंड के जामाडोबा, वेस्ट बोकारो तथा कोल्हान क्षेत्र के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम तथा और सरायकेला-खरसावां जिले और ओडिशा के सुकिंदा, बाम्नीपाल, जोडा, गोपालपुर, कलिंगानगर, गोमारडीह और काटामाटी के विद्यार्थियों को वित्तीय मदद देता है।

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