पटना :- जम्मू-कश्मीर के मसले पर बिहार में भी सियासत गरमाती दिख रही है। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) व कांग्रेस (Congress) ने सवाल उठाए हैं तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसका समर्थन किया है। दूसरी अोर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस मुद्दे पर बीजेपी का विरोध किया है। वहीं, हम के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आजाद भारत में आज काला दिन है। पपपू यादव ने इसे हिटलरशाही करार दिया है।
विदित हो कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव का फैसला किया है। राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने आर्टिकिल 35ए (35A) को भी हटा दिया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दिल्ली की तर्ज पर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाते हुए लद्दाख को उससे अलग करते हुए अलग प्रदेश का दर्जा दिया गया है।
अनुच्छेद धारा 370 हटाने के विरोध में जेडीयू: केसी त्यागी
जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद एनडीए में बीजेपी के सहयोगी जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने बड़ा बड़ा बयान दिया है। त्यागी ने कहा है कि उनकी पार्टी अपने पुरानेे स्टैंड पर कायम है। जेडीयू जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ है। केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू समाजवाद की डॉ. लोहिया की परंपरा की वाहक है। लोहिया अनुच्छेद 370 के समर्थक थे। एनडीए के गठन के समय जॉर्ज फर्नांडिस ने भी अनुच्छेद 370 कायम रखने का प्रस्ताव रख था। हम लाहिया व जॉर्ज की परंपरा के वाहक हैं। केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ नहीं है, लेकिन इसका असर गठबंधन पर नहीं पड़ेगा।
सुशील मोदी बोले- केंद्र सरकार का एेतिहासिक फैसला
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35.ए को समाप्त करने पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बधाई देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह ऐसा ऐतिहासिक व साहसिक कदम है जिसे उठाने की आज तक कोई हिम्मत नहीं कर सका था। सरदार पटेल ने 562 देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करा कर देश की एकता और अखंडता की नींव मजबूत की थी। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ पूरी तरह से एकीकृत कर पटेल और बाबा साहेब अम्बेदकर के सपनों को साकार किया है। आज का दिन भारतीय एकता व अखंडता को अक्षुण्ण बनाने के लिए इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
कुशवाहा बोले- लोकतंत्र विरोधी है यह फैसला
रालोसपा अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार ने जिस तरीके फैसला लिया, वह लोकतंत्र विरोधी है। कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार को इस तरह के कदम उठाने से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि वह इलाका बेहद संवेदनशील है। इसलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सरकार को हर पहलू पर गौर करना चाहिए। लेकिन जिस तरह की हड़बड़ी दिखाई गई है उससे कश्मीर के लोगों में गलत संदेश गया है। कुशवाहा ने लद्दाख को केंद्र शासित राज्य घोषित करने की भी निंदा की है।
अश्विनी चौबे बोले- खत्म हुआ देश से काला अध्याय
केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि देश से काला अध्याय खत्म हो गया। कांग्रेस पर कमेंट करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू द्वारा लाया इस बिल का लगातार विरोध हो रहा था और आज इसे सदा के लिए बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि एक देश में दो संविधान, दो निशान नहीं चलनेवाला है। सरदार पटेल की ओर से लाए गए भारत की एकता और अखंडता आज सही मायने में लागू हुई है। हालांकि उन्होंने जदयू के विरोध पर खुद को किनारा किया। उन्होंने कहा कि हर पार्टी का अपना विचार होता है। इस पर मैं कुछ नहीं बोलना चाहता हूं।
जेडीयू में गहराया असंतोष
केसी त्यागी भले ही यह कहें कि गठबंधन पर फैसले का असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जेडीयू में इसे लेकर असंतोष दिखने लगा है। जेडीयू नेता व बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया है। जेडीयू के डॉ. अजय आलोक ने मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार से अपील की है कि वे पार्टी के पूर्व के स्टैंड पर विचार करें। देश और बिहार की जनता तथा जम्मू कश्मीर और लद्दाख़ की जनता की भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लिया जाए।
बोले मांझी- आजाद भारत में आज काला दिन
हम के मुखिया व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि अाजाद भारत के लिए आज काला दिन है। नरेंद्र मोदी की सरकार देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ कर रही है। केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर से संबंधित इस बिल पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा तथा कहा कि सीएम नीतीश कुमार इस मामले पर अपना स्टैंड साफ करें। हम सब मिलकर मोदी सरकार के इस तुगलकी फैसले का विरोध करेंगे। मांझी ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार जम्मू कश्मीर को छिन्न भिन्न करने जा रही है। संविधान को तार-तार करने वाले ये लोग देश के टुकड़े-टुकड़े करने में आमादा हैं। जिसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब कानून के तहत कश्मीर को यह अधिकार मिला है कि संचार, विदेश नीति और रक्षा नीति को छोडकर किसी मामले पर केन्द्र सरकार बिना कश्मीर विधानसभा की मंजूरी हस्तक्षेप नहीं कर सकती तो फिर बिना विधानसभा की सहमति केंद्र सरकार ने इतना बड़ा फैसला कैसे लिया।
पप्पू बोले- क्या बिहार को भी केंद्र शासित बनाना चाहती है मोदी सरकार
जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने धारा 370 हटाने के फैसले को नासमझी में लिया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का देश के संघीय ढ़ांचे पर यह सबसे तीखा हमला है। केंद्र सरकार ने इस फैसले को प्रभावी कर संस्कृति, संविधान, संघीय व्यवस्था की नींव पर गहरा आघात किया है। उन्होंने कहा कि मोदी-शाह द्वारा लिये गये फैसले ने साबित कर दिया है कि इस देश में हिटलरशाही है और हिटलरशाही वाले देश में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की कोई अहमियत नहीं होती। अगर ऐसा नहीं होता तो धारा 370 हटाने का फैसला संसद से पारित कराया जाता। इसके पूर्व राज्यों को विश्वास में लिया जाता।पप्पू ने कहा कि कांग्रेस ने एक समय में आंध्र की जनता को विश्वास में लिए बगैर राज्य के दो टुकड़े कर दिए थे जिसका हरजाना उसे आज तक भरना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मोदी-शाह को बताना चाहिए कि क्या वे बंगाल और गुजरात को भी केंद्र शासित राज्य बनाना चाहती है।
पप्पू बोले- क्या बिहार को भी केंद्र शासित बनाना चाहती है मोदी सरकार
जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने धारा 370 हटाने के फैसले को नासमझी में लिया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का देश के संघीय ढ़ांचे पर यह सबसे तीखा हमला है। केंद्र सरकार ने इस फैसले को प्रभावी कर संस्कृति, संविधान, संघीय व्यवस्था की नींव पर गहरा आघात किया है। उन्होंने कहा कि मोदी-शाह द्वारा लिये गये फैसले ने साबित कर दिया है कि इस देश में हिटलरशाही है और हिटलरशाही वाले देश में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की कोई अहमियत नहीं होती। अगर ऐसा नहीं होता तो धारा 370 हटाने का फैसला संसद से पारित कराया जाता। इसके पूर्व राज्यों को विश्वास में लिया जाता।पप्पू ने कहा कि कांग्रेस ने एक समय में आंध्र की जनता को विश्वास में लिए बगैर राज्य के दो टुकड़े कर दिए थे जिसका हरजाना उसे आज तक भरना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मोदी-शाह को बताना चाहिए कि क्या वे बंगाल और गुजरात को भी केंद्र शासित राज्य बनाना चाहती है।
सरकार का फैसला अनैतिक व अलोकतांत्रिक: आरजेडी
इस मुद्दे पर आरजेडी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसे अनैतिक फैसला बताते हुए कहा कि बीजेपी के पास ताकत है, इसलिए वह कुछ भी फैसला ले सकती है। आरजेडी के आलोक मेहता ने फैसले को अलोकतांत्रिक बताया है। कहा कि सरकार का फैसला लेने का तरीका गलत है। संसद के सत्र के दौरान उसे बिना विश्वास में लिए यह फैसला ले लिया गया। दरअसल, बीजेपी अब आरएसएस के एजेंडा को लागू करने में जुट गई है।
अब कश्मीर के विकास का खुलेगा रास्ता: शमशी
केंद्र सरकार के फैसले को बीजेपी के प्रवक्ता अफजर शमशी ने ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे कश्मीर में अब्दुल्ला व मुफ्ती परिवारों की चौधराहट खत्म होगी, साथ ही जम्मू-कश्मीर के विकासकारास्ता खुलेगा। अब वहां बाहर के लोग जा सकेंगे। वहां कल-कारखाने लगेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। शमशी ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर जज्बात उभार कर देश को खराब करना चाहती है।