टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन ने फिट इंडिया के साथ FIT@50+ विमेंस  ट्रांस हिमालयन अभियान 2022 के लिए किया सहयोग

  •  माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली भारत की पहली महिला बछेंद्री पाल करेंगी इस अभियान का नेतृत्व ~
  •  एक अनूठा अभियान, जिसमें पूरे भारत से 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के प्रतिभागियों भाग लेंगे ~
  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को फिटनेस का तोहफा ~

vई दिल्ली: टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) ने युवा मामले और खेल मंत्रालय के सहयोग से फिट इंडिया बैनर के तहत  FIT@50+ विमेंस ट्रांस हिमालयन अभियान’22 नामक एक अद्वितीय अभियान को आज नई दिल्ली में हरी झंडी दिखाई। पहली बार इस अभियान में देश भर से 50 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाएं हिस्सा लेंगी। यह आयोजन भारत के 75 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है और केंद्र सरकार की “आजादी का अमृत महोत्सव”  पहल को समर्पित है।  अभियान 12 मार्च, 2022 को शुरू होगा और अगस्त 2022 के पहले सप्ताह तक इसके समाप्त होने की उम्मीद है। अभियान का नेतृत्व पद्म भूषण और पद्म श्री बछेंद्री पाल, महान पर्वतारोही और माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला कर रहीं हैं।  श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, सचिव खेल, युवा मामले और खेल मंत्रालय, चाणक्य चौधरी, अध्यक्ष टीएसएएफ तथा वीपी कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील और बछेंद्री पाल, अभियान की लीडर और मेंटर टीएसएएफ द्वारा अभियान को हरी झंडी दिखाई गयी।
सपोर्ट क्रू सहित 14 सदस्यीय टीम में पूरे भारत से सेवानिवृत्त पेशेवर, माताएं, दादी और गृहिणियां शामिल हैं। टीम में एवरेस्ट की चढ़ाई करनेवाली तीन महिला भी शामिल हैं।
श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, सचिव, खेल विभाग, युवा मामले और खेल मंत्रालय ने कहा: “आज का दिन बहुत ही उल्लेखनीय है। आज महिलाओं के लिए वार्षिक उत्सव का दिन होता है, जिसे औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कहा जाता है। मुझे बहुत बहादुर और साहसी महिलाओं के समूह के साथ इस तरह के एक अद्भुत पहल के लिए सरकार की ओर से महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने में खुशी हो रही है। एक और खुशी का मौका यह है कि पांच महीने तक चलने वाला यह कार्यक्रम हमारी आजादी के 75वें वर्ष के बीच में हो रहा है, जो केंद्र सरकार की ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पहल को समर्पित है।”

उन्होंने आगे कहा कि ” मुझे टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के साथ जुड़कर खुशी हो रही है। आइए हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाएं और इसी तरह की कई और  गतिविधियों की योजना बनाएं। मैं आप में से प्रत्येक के अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर  उपलब्धियों की कामना करती हूं। आपने एक साहसपूर्ण शपथ ली है ; मुझे उम्मीद है कि सभी कारक आपके पक्ष में रहेंगे और जब आप दिल्ली लौटेंगी,  तो हम फिर मिलेंगे और आपके साथ अनुभव साझा करेंगे। ”

पांच माह लंबे अभियान में पूर्व से पश्चिम तक – अरुणाचल से लद्दाख तक – 4,977 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करना और 37 पर्वतीय दर्रों को पार करना शामिल है। टीम अरुणाचल प्रदेश से अपनी यात्रा शुरू करेगी और असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नेपाल, कुमाऊं, गढ़वाल, हिमाचल प्रदेश, स्पीति, लेह और लद्दाख से होते हुए कारगिल में टाइगर हिल में  16,608 फीट की ऊँचाई पर अपनी यात्रा समाप्त करेगी।

टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के अध्यक्ष और टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाईस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा: “हमें इस तरह के अनोखे अभियान का आयोजन करते हुए खुशी हो रही है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और फिटनेस से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) के नेतृत्व में यह अभियान मानवीय सहनशक्ति और हमारे प्रतिभागियों की अदम्य भावना को प्रदर्शित करता है। फाउंडेशन अपने अनूठे प्रस्ताव और निरंतर प्रयासों के माध्यम से देश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देना और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करना जारी रखेगा।
उन्होंने आगे कहा कि “मैं ऐसे मंच की कल्पना करने और उसे सक्षम बनाने के लिए टीएसएएफ को बधाई देता हूं। मैं टीम के सभी सदस्यों को इस सफल अभियान के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

बछेंद्री पाल टीएसएएफ के अभियान की लीडर और मेंटर ने कहा: “मैं हमेशा मानती हूं कि जोखिम नहीं लेना ही जीवन में सबसे बड़ा जोखिम है और इस विश्वास ने मुझे जोखिम लेने, कई पथ-प्रदर्शक अभियानों का नेतृत्व करने, कई चुनौतियों का सामना करने और अपनी यात्रा जारी रखने की हिम्मत दी है। इसी विश्वास के साथ, 12 महिलाओं का एक दल पांच महीने की लंबी हिमालय यात्रा करेगा और इस बार सबसे बड़ी चुनौती उम्र है।

सुश्री पाल के अनुसार यह अभियान बहुत ही अलग है। उन्होंने कहा कि “टीम के सदस्य 50 और 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं, और अभियान की अवधि भावनात्मक, सामाजिक, मानसिक कारकों, थकान और मौसम की बाधाओं जैसी कई चुनौतियों के साथ मिलकर इसे अद्वितीय बनाती है। हम सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहते हैं और उम्मीद जगाना चाहते हैं कि बुढ़ापे में भी तंदरुस्त और स्वस्थ रहना संभव है।

चाणक्य चौधरी और बछेंद्री पाल द्वारा इस अभियान के लिए एक समर्पित वेबसाइट  लांच किया गया। वेबसाइट अभियान का विवरण प्रदान करेगी और लोग एक इंटरेक्टिव मैप https://www.transhimalayanexpedition.org के माध्यम से अभियान की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल कर  सकते हैं। यह अभियान, जो पहले 2021 के लिए निर्धारित था, इसे महामारी के कारण स्थगित करना पड़ा था।
पूरे हिमालय के रास्ते में सहायता के लिए यह अभियान भारतीय सेना के साथ भी सहयोग कर रहा है। टीम की यात्रा को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) द्वारा भी समर्थन दिया जा रहा है।

इस साल FIT@50+ विमेंस ट्रांस हिमालयन अभियान को फिटनेस पार्टनर के रूप में टाटा स्पोर्ट्स क्लब, टाइम पार्टनर के रूप में टाइटन के ट्रैक , एयरलाइन पार्टनर के रूप में विस्तारा और बीमा पार्टनर के रूप में टाटा एआईजी द्वारा समर्थन किया जा रहा है। एडवेंचर वर्क्स गियर पार्टनर है, अबरन ज्वैलर्स, सुप्रजीत फाउंडेशन, अतुल फाउंडेशन, अदुकले और साइकिल प्योर अगरबत्ती सपोर्ट पार्टनर हैं।

टीम का विवरण

14 सदस्यीय टीम में बछेंद्री पाल, लीडर (67-जमशेदपुर-झारखंड), चेतना साहू (54-कोलकाता-पश्चिम बंगाल), सविता धापवाल (52-भिलाई-छत्तीसगढ़), गंगोत्री   सोनेजी (62-बड़ौदा-गुजरात), एल. अन्नपूर्णा (53-जमशेदपुर-झारखंड), पायो मुर्मू (53-जमशेदपुर-झारखंड), डॉ सुषमा बिसा (55-बीकानेर-राजस्थान), मेजर कृष्णा दुबे (59-लखनऊ-यूपी), बिमला देवस्कर (55- नागपुर- महाराष्ट्र) और वसुमथि  श्रीनिवासन (68-बैंगलोर-कर्नाटक), शामला पद्मनाभन (64-मैसूर-कर्नाटक) और चौला जागीरदार (64-पालनपुर-गुजरात) शामिल हैं। सपोर्ट टीम में उत्तराखंड के मोहन रावत (41) और रणदेव सिंह (30) शामिल हैं।

यात्रा का विवरण
टीम अरुणाचल प्रदेश के धुंध भरे पहाड़ों में पंगसाऊ दर्रे से शुरू करते हुए एक  मानवीय धैर्य की यात्रा की शुरुआत करेगी और फिर असम में भैरब कुंड में प्रवेश करेगी। इसके अलावा, टीम जयगांव जाएगी और पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमा पर स्थित नागरकांठा से होते हुए ज़ुलुक पहुंचेगी। वहां से यह अभियान सिक्किम से नाथंग घाटी, नाथुल्ला दर्रे से गंगटोक तक जाएगा और सिंगालिया अभयारण्य में चित्रे, काला पोखरी और संदकफू (11,930 फीट) को कवर करेगा। टीम फिर नेपाल में जाएगी, जहां मार्ग धौलागिरी रेंज में प्रवेश करता है और सालपा पास, लामाजुरा पास (11,500 फीट), देवराली पास (9,240 फीट / माली पास एएल (7,900 फीट) और अन्नपूर्णा मासिफ के आसपास थोरंग ला (17,769 फीट) को भी पार करता है। । पश्चिमी नेपाल से पगडंडी जुमला की ओर जाती है और उत्तराखंड के कुमाऊं जिले में दार्चुला (नेपाल) के माध्यम से प्रवेश करती है। वहां से अभियान कौरी काल (12,00 फीट) से होकर गुजरेगा, लमखागा दर्रा (17,320 फीट) को पार करेगा, जो सबसे कठिन दर्रों में से एक है, जो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले को उत्तराखंड के हर्षिल से जोड़ता है।

इसके बाद टीम हिमाचल के लिए रवाना होगी। वहां से वे स्पीति के रास्ते को पार  करेंगे,  काजा, किब्बर को पार करने के लिए भाभा (16,000 फीट) को कवर करेंगे और फिरंग ला (18,300 फीट) को पार करेंगे। अभियान लेह -लद्दाख में समाप्त होगा जहां टीम नमशांग ला (15,900 फीट) को पार करेगी,  हंबटलिंग ला (13,209 फीट) से होते हुए कारगिल और द्रास से आगे बढ़ेगी, टाइगर हिल बेस तक पहुंचेगी  और लद्दाख के द्रास-कारगिल क्षेत्र में टाइगर हिल टॉप 16,608 फीट पर समाप्त होंगे। अभियान के दौरान टीम द्वारा कवर किया जानेवाला सबसे ऊंचा दर्रा परंग ला होगा, यह 18,300 फीट ऊंचाई वाला दर्रा है, जो स्पीति के ऊंचे रेगिस्तान को लद्दाख से जोड़ता है।

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