जमशेदपुर: सातवीं जेपीएससी के आंदोलनरत छात्र छात्राओं पर झारखंड पुलिस की बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज से बिफरे प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इसे तानाशाही बताया। कहा कि सरकार अपनी अकर्मण्यताओं को छिपाने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। इससे सीधे तौर पर राज्य सरकार की ओछी मानसिकता दिखाई देती है। घाटशिला में जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करने के क्रम में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने उक्त बातें कही। कहा कि लगतार कई वर्षों से जेपीएससी की कार्य संस्कृति से असंतुष्ट अभ्यर्थी अपनी बात रखने के लिए आयोग के कार्यालय जा रहे थें, और राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस ने उनपर डंडे बरसाये। छठी जेपीएससी पर भी झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए मेरिट लिस्ट को रद्द किया था, राज्य सरकार ने कोर्ट के निर्देश के बावजूद 1 महीने के अंदर नोटिस का जवाब नहीं दिया। सातवीं जेपीएससी में एक ही कमरे में बैठे एक ही क्रमांक के कई छात्र छात्राओं के चयन होने के बाद अभी से ही परीक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। आज इसी क्रम में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर क्रूरतापूर्ण लाठीचार्ज की घटित वारदात निकट भविष्य में बड़े आक्रोश के रूप में तब्दील होगा। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसी कार्रवाई की तीव्र निंदा करती है और मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वे स्वयं इस मामले को देखें और नियुक्ति वर्ष में “नौकरी के बदले लाठी” की नीयत पर झारखंड सरकार का स्टैंड स्पष्ट करें। इस दौरान विशेष रूप से पूर्व विधायक लक्ष्मण टूडू, पूर्व जिलाध्यक्ष चंडी चरण साव, जिला अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती, भाजयुमो जिलाध्यक्ष रंगलाल महतो एवं मंडल अध्यक्ष राहुल पांडेय मौजूद रहें।
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