जमशेदपुर : आस्था का महापर्व छठ पर आज झमाझम बारिश हुई। बारिश तो ऐसे हल्की-हल्की रात भर होती रही, लेकिन सुबह पांच बजे से जो झमाझम बारिश शुरू हुई वह छूटने का नाम ही नहीं ले रही है। इस बीच कपकपी वाली ठंड भी लग रही थी। झमाझम बारिश में भी आस्था का महापर्व फीका नहीं पड़ा। वारिश पर भी यह पर्व भारी पड़ा। वैसे व्रतियों को ज्यादा परेशानी हुई जो नदी और तालाबों में छठ व्रत करने गए हुए थे। उनके कपड़े भीग गए। जो गर्म कपड़े छठ व्रती और परिवार के लोग लेकर गए थे वह भी भीग गया था। ठंड से उनकी परेशानी देखते ही बन रही थी। जो लोग अपने घर पर ही छठ पर्व कर रहे थे उन्हें थोड़ी कम परेशानी हुई। बुजुर्गों का कहना है कि छठ पर्व पर ऐसा पहली बार हुआ है जब भारी बारिश हुई और सूर्य देवता के दर्शन तक नहीं हुए। आम दिन सुबह 6.10 बजे तक सूर्य देवता के दर्शन हो जाते थे, लेकिन आज छठ व्रती सूर्य देवता के दर्शन को तरस गए। अधिकांश छठ व्रती नदी और तालाब में ठंड पानी के बीच खड़े होकर सूर्य देवता के निकलने की आस लगाए हुए थे। अंत में मन चंगा तो कठौती में गंगा वाली कहावत सामने आई। अंततः भारी बारिश में ही अर्घ्य दिया गया। इसके बाद छठ व्रती और परिवार के लोग अपने अपने घर को लौट गए।